पटना. बिहार और पंजाब मानवीय रस्सी के दो सिरे हैं. बिहार जुल्म और सितम को बड़ी सहजता से सहता है और अंत में मानवीय संवेदना का एक बड़ा आयाम रचता है वहीं पंजाब की खासियत है कि वह पुरजोर तरीके से विरोध करता है, पर अपने विरोध में भी मानवीय पक्ष को बरकरार रखता है. इस लिहाज से देखें तो पंजाब ने एक बार फिर अपने बड़े दिल का होने का परिचय दिया और विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की संकुचित सोच और अपील को खारिज कर दिया.
याद दिला दें कि सीएम चन्नी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब के लोगों से अपील की थी कि बिहार-यूपी के भैया का समर्थन नहीं करना है. यह स्थानीय और बाहरी में भेदभाव करने वाला बयान था. पंजाब की जनता ने उनके इस बांटने वाले बयान को साफ तौर पर नकार दिया. बिहार के गोपालगंज के मूल निवासी और पूर्व आइपीएस अफसर कुंवर विजय प्रताप सिंह की पंजाब में आप विधायक के रूप में जीत साफ संदेश देती है कि पंजाब के लोगों को दिल बड़ा है और वे भेदभाव उन्हें पसंद नहीं है.
पंजाब विधानसभा चुनाव में कुंवर विजय प्रताप को मिली जीत पर गोपालगंज स्थित उनके गांव में जश्न का माहौल है. लोगों को ध्यान है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उन्हें आम आदमी का पुलिसवाला कहा था. इसी नाते उनके गांव के लोगों को उम्मीद है कि कुंवर विजय प्रताप पंजाब में मंत्री बनाए जाएंगे और अपने काम से खुद को साबित करेंगे.
प्रारंभिक शिक्षा गांव में
पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने पंजाब के अमृतसर नॉर्थ विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है. बता दें कि उनका पैतृक घर गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड के करसघाट गांव में है. विजय प्रताप के बारे में बताया जाता है कि वे बचपन से मृदुभाषी और पढ़ाई-लिखाई में मेहनती रहे हैं. इसी का परिणाम रहा कि करसघाट से पढ़ाई शुरू कर इस मुकाम तक पहुंचे. विजय प्रताप अपने पिता रामनाथ कुंवर के बड़े बेटे हैं. उन्होंने झझवा से मिडिल स्कूल व शाहपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की है. पटना साइंस कॉलेज से इंटर और पटना यूनिवर्सिटी से बीए और एमए किया है.
बिहार-पंजाब की कॉम्बो पर्सनैलिटी
1998 बैच के आइपीएस अधिकारी रहे हैं कुंवर विजय प्रताप सिंह. शिक्षा की बात की जाए तो वे एमए, एलएलबी, एमबीए और पीएचडी हैं. पंजाब पुलिस के आइजी पद से इस्तीफा देकर उन्होंने सियासी मैदान में कदम रखा है. उनके व्यक्तित्व में बिहार का धीरज है तो दूसरी तरफ पंजाब का सख्त तेवर भी है. कहा जा सकता है कि उनका व्यक्तित्व बिहार और पंजाब का कॉम्बो है.
वर्सटाइल शख्सीयत
कुंवर विजय प्रताप सिंह वर्सटाइल शख्सीयत वाले हैं. वे आईपीएस अधिकारी तो रहे ही, 2017 में उन्होंने पंजाबी फिल्म ‘यारां दा यार’ में भूमिका भी अदा की. पुलिस की नौकरी में उन्होंने अपनी साख तो बनाई ही, रिटायरमेंट से 8 साल पहले ही नौकरी छोड़ राजनीति में आने का जोखिम भी उठाया. आम आदमी पार्टी में वे बीते साल 21 जून को शामिल हुए थे. आप में विजय प्रताप के शामिल होने में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का बड़ा रोल रहा था. वे विजय प्रताप के आप में शामिल होते वक्त विशेष रूप से अमृतसर पहुंचे थे.
किडनी स्कैंडल का भंडाफोड़ कर चर्चा में आए
2002 में उनकी पोस्टिंग अमृतसर में बतौर एसपी सिटी-वन थी. तब उन्होंने वहां किडनी स्कैंडल का भंडाफोड़ किया था. याद दिला दें कि 2017 में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी थी. उसी समय श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला सामने आया था. इस मामले में गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए सरकार मे पांच सदस्यीय एसआइटी गठित की थी. इस टीम में कुंवर विजय प्रताप का रोल खास था.