बिहार के सभी जिलों में 15 अगस्त को स्कूलों में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. बिहार सरकार के आदेश पर सभी जिलों को 15 अगस्त को स्कूलों में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करने का निर्देश जारी किया गया है.यह पत्र सभी जिलाधिकारियों ने 12 अगस्त को जारी किया है.जबकि इसके कुछ रोज पहले स्कूलों में कारीकें करने से संबंधित पत्र भी जारी किए गए थे.
इस बीच 10 अगस्त को ही बिहार में सरकार ही बदल गई. नीतीश सरकार ने कार्यक्रम आयोजित नहीं करने के लिए सकोविड के बढ़ते मामले का हवाला दिया है. अब बीजेपी ने सरकार द्वारा जारी इस पत्र के लिये नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है. बीजेपी ने नीतीश सरकार से पूछा है कि तो क्या बिहार में शराब से मरने या PFI के मामले को लेकर मातम मनाना है.
JDU ने बदला BJP का फैसला
बिहार में सरकार बदलते ही नीतीश कुमार के तेवर बीजेपी को लेकर तल्ख नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि गठबंधन का साथी बदलते ही नीतीश कुमार ने उनका फैसला भी बदल दिया. बीजेपी-जेडीयू सरकार ने स्कूलों में कारीकें करने से संबंधित आदेश जारी किया था. लेकिन जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ, नीतीश कुमार ने बीजेपी के आदेश को रद्द कर दिया. जेडीयू ने इसके पीछे कोरोना के बढ़ते संक्रमण का हवाला दिया है.
स्कूलों में नहीं होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
जेडीयू ने पत्र जारी कर कहा है कि बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे की वजह से स्कूलों में 15 अगस्त पर कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. इस आदेश के लिए बिहार के सभी जिलों में पत्र जारी किया गया है. इस बदले हुए आदेश को जेडीयू-बीजेपी के बीच बढ़ती तल्खी के रूप में देखा जा रहा है.बता दें कि देशभर में इन दिनों आजादी के 75 साल पूरा होने की खुशी में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. सरकार हर घर तिरंगा अभियान चला रही है. साथ ही 15 अगस्त पर कार्यकर्मों की तैयारी जोरों पर है.
बीजेपी-जेडीयू के बीच बढ़ी तल्खी
ऐसे में बिहार के स्कूलों में अब सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाने का आदेश नीतीश सरकार ने जारी कर दिया है. इससे पता चलता है कि जेडीयू और बीजेपी के बीच तल्खी किस कदर बढ़ चुकी है. वहीं बीजेपी ने इस आदेश को बदलने को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है. उनका कहना है कि सांस्कृतिक कार्यक्रम न मनाने के पीछे क्या कारण है. क्या बिहार शराब से मरने या PFI के मामले को लेकर मातम मनाना है.