सीतामढ़ी। शहर के एक निजी फाइनेंस कंपनी के कर्मियों ने सीतामढ़ी और शिवहर जिले के करीब 13 सौ लोगों से करीब 39 लाख का फर्जीवाड़ा कर फरार हो गया है। शहर के शांति नगर लेने नंबर 2 में किराए के मकान में एक माइक्रोफाइनेंस के नाम से संचालित किया जा रहा था। इस कंपनी के द्वारा अलग-अलग क्षेत्र में जाकर कुछ महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर उनके बीच लोन बांटने की बात कही। जिसके बाद वह प्रभावित हो कर लोन लेने के लिए तैयार हो गए। सभी महिलाओं को आधार कार्ड के साथ 35 हजार के लोन में 2750 रुपया एवं 65 हजार के लोन पर 3140 रुपया जमा करने को कहा। महिलाओं ने कंपनी के कर्मियों के बात से प्रभावित होकार पैसा जमा भी करा दिया। इस बीच उन्होंने बताया की लोन की राशि स्वीकृत होने पर जमा कराया गया राशि उनके खाता में लौटा दी जाएगी। महिलाओं ने बताया कि आरोपी कर्मी अपना नाम राहुल बताया।कार्यालय बंद देखने पर हुआ फर्जीवाड़ा का खुलासा
बुधवार के दिन पासबुक लेने गई महिलाओं ने कार्यालय में ताला लगा हुआ पाया। इसके बाद उनके होश उड़ गए। बाद में मालूम करने पर पता चला कि संचालक कार्यालय में मौजूद कुर्सी, टेबल, कंप्यूटर सहित सभी सामग्री लेकर फरार हो चुका है। आक्रोशित महिला सैकड़ो की संख्या में शहर स्थित मेहसौल ओपी पहुंची। जहां घंटो उन्होंने आरोपी कर्मी को पकड़ने एवं शीघ्र कार्रवाई करने के लिए हंगामा करने लगे। मामला को बढ़ता देख सदर एसडीपीओ रामकृष्ण ओपी पहुंचे जहां उन्होंने पीड़ित महिलाओं का बात सुनी एवं उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा एवं दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
दो लोगों ने दिया फ्रॉड को अंजाम
जानकारी के मुताबिक मकान मालिक से 1 जून से 6.5 हजार के दर से किराए पर रहने कों लेकर सहरसा निवासी सुमन कुमार ने एग्रीमेंट कराया था। जिसका नाम राहुल भी है, वही दूसरा का नाम शनि बताया जा रहा है। विगत सात दिनों से रह रहे फ्रॉड ने पूरे क्षेत्र में घूमकर महिलाओं को कन्वेंस कर लोन देने का भरोसा दिलाया। इस पूरे खेल में कुल कितना पैसा का फर्जीवाड़ा हुआ इसका पूरा आंकड़ा अभी तक तो नही मिल पाया है। परंतु ज्ञात जानकारी के मुताबिक यह राशि का आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है।दो हिरासत में, जांच जारी
मामला को लेकर एसडीपीओ सदर रामकृण ने बताया की मामला संज्ञान में आया है, पुलिस जांच में जुटी है। फर्जीवाड़ा का सत्यापन अभी तक नही हो पाया है। फाइनेंस कंपनी के द्वारा कुल कितने लोग का कितना राशि लिया गया है अभी तक इसका जानकारी नहीं मिल पाया है। मामला का सत्यापन के बाद समूह से आवेदन लेकर प्राथमिक की दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। प्रारंभिक जांच हेती मकान मालिक व उसके पुत्र को पूछताछ हेतु हिरासत में लिया गया है।