प्रदेश में सड़कों के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन लगातार प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। ईस्ट- वेस्ट कॉरिडोर (गोपालगंज-किशनगंज एनएच) को स्वर्णिम चतुर्भुज (मोहनिया-डोभी एनएच/जिटी रोड) से जोड़ने वाले आमस-दरभंगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की मंजूरी मिल गई। 199 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का चार पैकेज में निर्माण किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने 1390 करोड़ की दी स्वीकृति।
बता देंगे यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बिहार का पहला नॉर्थ साउथ कॉरिडोर हैं जो झारखंड बार्डर से नेपाल बॉर्डर को जोड़ेगा। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पैकेज-1 (आमस-शिवरामपुर खंड, लंबाई-55 किलोमीटर) के निर्माण के लिए 1390 करोड़ की स्वीकृति दी है।
शुक्रवार को बिहार के पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन ने नितिन गडकरी से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। मुलाकात के बाद बैठक में नितिन नवीन ने पटना-गया-डोभी राजमार्ग (एनएन-83) को 6-लेन चौड़ा करने की मांग की।
यहां से यहां तक बनेगा एक्सप्रेसवे।
यह एक्सप्रेसवे ग्रैंड ट्रंक रोड(एनएच -2) पर गया और औरंगाबाद जिला के बॉर्डर के समीप आमस से बेलागंज-मोदनगंज-रामनगर-कच्ची दरगाह-बिदुपुर ब्रीज-कल्याणपुर-ताजपुर होते हुए दरभंगा शहर के पूर्वी-उत्तरी छोर पर स्थित बेला नवादा में इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (गोपालगंज-किशनगंज) हाइवे तक जाएगा।
इसका चार पैकेज में निर्माण किया जाएगा। पहले पैकेज में आमस-शिवरामपुर तक 55 किलोमीटर की लंबाई में निर्माण होगा। दूसरे पैकेज में शिवरामपुर से
रामनगर तक 54 किलोमीटर लंबाई में निर्माण होगा। तीसरे पैकेज में रामनगर से टाल दसरहा तक 45 किलोमीटर लंबाई में निर्माण होगा। चौथे पैकेज में टाल दासरहा से बेला नवादा तक 44 किलोमीटर लंबाई में निर्माण होगा।