बिहार अब बिजली उत्पादन के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुका है। मांग के अनुरूप बिजली राज्य में ही उपलब्ध हो जा रही है। इसके अलावा बिहार दूसरे राज्यों को भी बिजली दे रहा है। वहीं अगले साल से राज्य को और भी ज्यादा बिजली मिलने लगेगी क्योंकि बक्सर जिले के चौसा में एक और पावर प्लांट शुरू होने जा रहा है। इससे 50% बिजली बिहार को ही मिलेगी।
660 मेगा वाट के 2 इकाइयां होंगी शुरू।
बताने की वित्तीय वर्ष 2022 23 में ऊर्जा विभाग का बजट 11475.97 करोड रुपए है। बजट के मुताबिक चौसा बक्सर के 660 मेगावाट की दो इकाइयों से वित्तीय वर्ष 2023 -24 में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे 85% बिजली बिहार को मिलेगी। यानी कि बिहार को 1000 मेगावाट से अधिक बिजली मिलेगी।
राज्य में लगेंगी दो सोलर इकाइयां।
बता दें कि इसके अलावा कजरा और पीरपैंती में पावर प्लांट के उपलब्ध हुए पर 250- 250 मेगावाट के दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाई जाएंगी। फिलहाल राज्य में 154 ग्रेड उपकेंद्र जिनकी संख्या वर्ष 2022- 23 तक बढ़ाकर 176 की जाएगी। साथ ही 200 मेगा वाट ग्रिड कनेक्टेड ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट की स्थापना प्रक्रियाधीन है। इसके अलावा राज्य के शहरी और ग्रामीण निजी आवासीय भवनों में 113 भवनों पर 583 किलोवाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जा रही है। वहीं राज्य के विभिन्न सरकारी भवनों पर कैप एक्स मॉडल के तहत 9.8 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना हो चुकी है।