बागमती, लालबकेया और लखनदेई नदी की हर साल त्रासदी झेलने वाले सीतामढ़ी जिले का रीगा विधानसभा क्षेत्र डेढ़ दशक पहले अस्तित्व में आया। इस अवधि में हुए तीन चुनावों में दो दलों और दो चेहरों के बीच घमासान रहा, पर मतदाताओं ने हर बार बाजी पलट दी। भाजपा के मोतीलाल प्रसाद दो बार जीते, तो कांग्रेस के अमित कुमार टुन्ना को एक बार मौका मिला। वर्तमान विधायक मोतीलाल अभी कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री हैं।
वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद रीगा सीट पर पहला चुनाव 2010 में हुआ था। इसमें भाजपा के मोतीलाल प्रसाद ने कांग्रेस के अमित कुमार टुन्ना को 22 हजार 327 वोटों के अंतर से हराया था। 2015 के चुनाव में बाजी पलट गई और कांग्रेस के अमित कुमार टुन्ना ने भाजपा के मोती लाल प्रसाद को 22 हजार 856 वोटों के अंतर से हराकर हिसाब चुकता कर लिया। हालांकि, 2020 के चुनाव में मोतीलाल प्रसाद ने फिर कांग्रेस के अमित कुमार टुन्ना को हरा दिया।
नेपाल की सीमा से सटे रीगा विधानसभा क्षेत्र में जातीय व सामाजिक गोलबंदी से चुनाव परिणाम प्रभावित होते रहा है। भाजपा के मोतीलाल प्रसाद जीत का सिलसिला बरकरार रखने की उम्मीद में तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं तो उनकी चिर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस विजय रथ को रोकने के लिए सक्रिय है। इस बार चुनाव मैदान में जनसुराज की एंट्री से सियासी मुकाबला रोचक होने का आसार है। इस क्षेत्र में तीन प्रखंड- रीगा, सुप्पी व बैरगनिया हैं। यहां वैश्य मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। इसके इलावा अगड़ी जातियों के वोटरों की संख्या भी ठीक-ठाक है। चुनाव की फिजां बनने के साथ ही गोलबंदी को अपने पक्ष में करने की कवायद तेज है।
बाढ़ से कटाव और बेहतर सिंचाई व्यवस्था की दरकार
नदियों से घिरे बैरगनिया प्रखंड के लोगों को अभी विकास का इंतजार है। बैरगनिया बॉर्डर का रक्सौल की तरह विकास अबतक नहीं हो पाया है। रीगा विस क्षेत्र में किसानों के लिए बेहतर सिंचाई व्यवस्था नहीं होने से खेती प्रभावित होती है। बागमती से हर साल होने वाली क्षति से बचाव के लिए कोई स्थायी उपाय नहीं हुआ। बाढ़ आने पर बड़ी संख्या में लोगों के घर नदी में विलीन हो जाते हैं। कटाव से सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन बागमती की धारा में विलीन हो चुकी है। हर साल कटावरोधी कार्य कराए जाते हैं, लेकिन स्थायी उपाय नहीं हुआ है।
घर-घर पहुंच रहे कार्यकर्ता
एनडीए बागमती नदी पर बने पुल और चुनाव में रीगा चीनी मिल चालू होने से उपजी मिठास के जरिये वोटरों को साधने में जुटी है। सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाया जा रहा है। वहीं, महागठबंधन योजनाओं की खामियों को उजागर करने के साथ अपने वायदों से उन्हें रू-ब-रू करा रहा है। जनसुराज के कार्यकर्ता भी सभाओं व सदस्यता अभियान के साथ वादे व घोषणाओं से वोटरों को गोलबंद करने में जुटे हैं। बूथस्तर पर पारिवारिक लाभकार्ड बनाने के साथ शिक्षा, रोजगार व भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया जा रहा है।
चार वर्ष बंद रीगा चीनी मिल के चालू होने से गन्ना किसानों को राहत मिली है। बकाया भुगतान मिलने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। बीते पांच साल में क्षेत्र में नयी सड़कों और पुलों का निर्माण हुआ है। ग्रामीण इलाकों में सुविधा बढ़ी है। बागमती पर पुल बन जाने से जिला मुख्यालय से सीधा जुड़ाव हो गया है।
रीगा चीनी मिल चालू होने से राहत
यहां के विधायक और बिहार सरकार के मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने कहा कि सह मेरे कार्यकाल में सबसे अधिक विकास कार्य हुए हैं। क्षेत्र में दर्जनों सड़कों का निर्माण कराया गया है। सामुदायिक भवन, विद्यालयों की चहारदीवारी और पोखर घाटों का निर्माण कराया गया है। चार साल से बंद रीगा चीनी मिल चालू हुआ। सरकार की योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंच रहा है।
वहीं पूर्व विधायक अमित कुमार टुन्ना ने कहा कि बीते पांच वर्षों में रीगा विधानसभा क्षेत्र में विकास का कोई विशेष कार्य नहीं हुआ है। बागमती को लेकर मेरे कार्यकाल में शुरू योजनाएं आज तक पूरी नहीं हो पाई हैं। ग्रामीण इलाकों में सड़क और पुल-पुलियों का निर्माण भी नहीं हो पाया है। कॉलेज, स्टेडियम, बैरगनिया को अनुमंडल बनाने का वायदा धरातल पर नहीं उतरा है।
