सीतामढ़ी: समाहरणालय स्थित विमर्श सभा कक्ष में जिलाधिकारी रिची पांडेय की अध्यक्षता में गुरुवार को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत मॉडल सोलर ग्राम चयन को लेकर जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने, ग्रामीण घर-घर तक बिजली पहुँचाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने से जुड़ी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
- जिले में 5000 से अधिक आबादी वाले गांवों को “उम्मीदवार ग्राम” के रूप में चिन्हित किया जाएगा।
- यदि इतने बड़े गांव उपलब्ध नहीं होंगे तो सबसे अधिक आबादी वाले गांवों को सूची में शामिल किया जाएगा।
- सूची को अधिसूचित करने के बाद 06 महीने की प्रतिस्पर्धा अवधि रखी जाएगी। इस दौरान देखा जाएगा कि चिन्हित ग्रामों में सौर ऊर्जा आधारित योजनाएं कितनी प्रभावी ढंग से लागू हुई हैं।
- डीएलसी (जिला स्तरीय समिति) द्वारा सर्वाधिक प्रगति करने वाले गांव का मूल्यांकन कर उसे मॉडल आदर्श सौर ग्राम घोषित किया जाएगा।
- जिलाधिकारी ने सभी प्रखंडों को निर्देशित किया है कि वे अपने स्तर से एक-एक ग्राम का चयन कर सूची उपलब्ध कराएं।
ग्रामीण स्तर पर अभियान और प्रचार-प्रसार
बैठक में यह भी तय हुआ कि योजना को प्रभावी बनाने के लिए सभी प्रखंडों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण एवं किसान इस योजना से जुड़ सकें और मुफ्त एवं स्वच्छ ऊर्जा का लाभ उठा सकें।
किसानों के लिए बड़ी राहत : पीएम-कुसुम योजना का लाभ
बैठक में बताया गया कि इस पहल से किसानों को बहुआयामी लाभ होंगे।
- लगभग चार एकड़ जमीन देकर किसान 1 मेगावॉट का सौर प्लांट स्थापित कर सकते हैं।
- इससे उत्पादित बिजली का किसान स्वयं उपयोग कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड (डिस्कॉम) को बेचकर आय अर्जित कर सकते हैं।
- केंद्रीय सरकार द्वारा 1.05 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट और राज्य सरकार द्वारा 45 लाख रुपये प्रति मेगावाट तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- इस योजना से डीजल पर निर्भरता घटेगी, प्रदूषण कम होगा और खेती हरित ऊर्जा के साथ अधिक सशक्त होगी।
रूनी सैदपुर में होगी पहली पहल
डीआरडीए से मिली जानकारी के अनुसार, रूनी सैदपुर प्रखंड के एक किसान ने अपनी जमीन सोलर प्लांट के लिए उपलब्ध कराने की सहमति दी है। जल्द ही उस स्थान पर फीडर-स्तरीय सोलराइजेशन (Component-C) के अंतर्गत काम शुरू किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में निदेशक डीआरडीए राजेश भूषण, अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग, जिला जनसंपर्क अधिकारी, सहायक अभियंता ब्रेडा और एलडीएम सीतामढ़ी समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
संवाददाता की टिप्पणी
सीतामढ़ी जिले के इस कदम से यह साफ हो गया है कि अब सौर ऊर्जा केवल शहरों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि गांव-गांव तक पहुँचकर किसानों और स्थानीय परिवारों की जीवनशैली में बदलाव लाएगी। यह मॉडल सोलर ग्राम न केवल बिजली संकट का समाधान देगा, बल्कि स्वावलंबी और हरित बिहार के सपने को साकार भी करेगा।
