पटना के मोकामा में बुधवार रात एक नाव बीच नदी में डूब गई। जिसके बाद नाव पर सवार 2 युवकों ने 8 किमी तैरकर अपनी जान बचाई। इस दौरान दोनों करीब 10 घंटे तैरकर नदी किनारे पहुंचे। वहां से ग्रामीण और पुलिस ने दोनों का रेस्क्यू किया।
दोनों व्यक्ति मरांची थानाक्षेत्र के शेरपुर निवासी अजय साहनी और घोली साहनी हैं। बुधवार की शाम त्रिमूहान से अपने घर मरांची थाना क्षेत्र के शेरपुर मछली पकड़ने जा रहे थे। इसी दौरान दोनों की नाव डूबने लगी।
नाविक अजय सहनी ने बताया, ‘मोटर वाली नाव से अपने घर लौट रहे थे। हवा का बहाव ज्यादा था, जिस कारण नाव में क्रैक आ गया। मशीन भी फेल हो गई। चौहरमल पहुंचने वाले थे, लेकिन आधे रास्ते में पानी ज्यादा था, जिसके कारण नाव डूबने लगी।’
‘वहां पर 2 बांस का डंडा था, उसी के सहारे हम दोनों रातभर टिके रहे। सुबह 5 बजे तक किसी ने हेल्प नहीं की, जिसके बाद दोनों ने नाव की लकड़ी के सहारे तैरकर नदी किनारे पहुंचने का फैसला लिया।’
‘तैरते-तैरते हालत खराब हो गई’
घोली साहनी ने कहा, ‘नाव की लकड़ी का सहारा लेकर हम दोनों 10 घंटे तक लगातार तैरे। आगे बढ़े तो साइड में एक पोल जैसा कुछ था, उसका सहारा लेकर थोड़ी देर आराम किए। इसके बाद फिर तैरते हुए हमलोग किनारे आए।’
‘तैरते-तैरते हालत खराब है। मेरे पास कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं है। अजय और मैंने बहुत मुश्किल से अपनी जान बचाई है। इतनी देर पानी में रहने के बाद दोनों के हाथ फूल गए।’
परिजन को नाव डूबने की दी जानकारी
नाविक के मुताबिक, घटना शाम 10 बजे मोकामा के टाल क्षेत्र की है। बता दें कि टाल क्षेत्र समुद्र जैसा विशाल है और वहां कई फीट पानी भरा हुआ है।
जब अचानक उनकी नाव डूबने लगी तब युवकों ने तुरंत घर पर फोन कर परिजन को जानकारी दी। इसके बाद उनका फोन बंद हो गया। परिजन मरांची से नाव लेकर बचाव के लिए निकले। परिजन ने पुलिस को भी जानकारी दी।
आखिरी लोकेशन के जरिए पुलिस ने किया ट्रैक
पुलिस ने उनका लोकेशन ट्रैस किया। आखिरी लोकेशन धनकडोभ और औंटा टाल के बीच बता रहा था। स्थानीय रामविलास सहनी ने बताया, दोनों नाव पलटने से डूब गए थे। दोनों रोज की तरह की मछली पकड़ने गए थे। बांस के सहारे दोनों पूरी रात पानी में रहे। सुबह जैसे तैसे जान बचाकर पहुंचे। पता चला कि ये लोग 10 घंटे से भी ज्यादा तक पानी में रहा।
वहीं, पानी में रहने के कारण दोनों के हाथ-पैर भी फूल गए हैं। फिलहाल दोनों अपने घर में हैं। परिजन उनके जिंदा लौटने के लिए भगवान से धन्यवाद बोल रहे। दोनों की घर में ही देखरेख चल रही है।
