बिहार की राजधानी पटना की एक विशेष अदालत ने बाहुबली अनंत सिंह को एक केस में बरी कर दिया है। पटना की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को सबूतों के अभाव में पूर्व मोकामा विधायक को यह राहत दी है। यह मामला जेल में मोबाइल और सिगरेट रखने से जुड़ा था। स्पेशल कोर्ट के जज अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज कुमार मालवीय की अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अनंत कुमार सिंह को राहत मिल गई है।
यह मामला साल 2022 में पटना के बेऊर जेल में हुई छापेमारी से जुड़ा हुआ था। पूर्व विधायक अनंत सिंह के वकील सुनील कुमार ने बताया कि बेउर थाने में आईपीसी की धारा 188, 414, 353 और प्रिजनर एक्ट की धारा 52 के तहत केस दर्ज कयिा गया था। आरोप के अनुसार 6 अप्रैल 2022 को बेऊर जेल में छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, सिगरेट एवं अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए थे। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने पांच गवाहों का बयान दर्ज करवाया था, लेकिन आरोप साबित नहीं हो सका।
बाहुबली अनंत सिंह को पूर्व में एके 47 केस में भी पटना हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। उस केस में निचली अदालत से उन्हें 10 साल की सजा हुई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। इसी साल जनवरी महीने में सोनू-मोनू गैंग के साथ हुई फायरिंग के मामले में वे कुछ महीने जेल में रहे। बीते अगस्त महीने में जमानत मिलने के बाद वे जेल से बाहर आए थे।
मोकामा से चुनाव लड़ेंगे अनंत सिंह
जेल से बाहर आने के बाद बाहुबली नेता ने पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने मीडिया में ऐलान किया था कि मोकामा से वह खुद ही जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। अनंत सिंह के जेल जाने के बाद हुए उपचुनाव में मोकामा से उनकी पत्नी नीलम देवी आरजेडी के टिकट पर विधायक बनी थीं। हालांकि, वे बाद में पाला बदलकर जेडीयू में आ गईं।
