बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो गयी है और अब चाहे एनडीए के उम्मीदवार हो या फिर महागठबंधन के उम्मीदवार हो, सभी चुनावी मैदान में हैं और चुनाव प्रचार में जी-जान लगा रहे हैं. चुनाव में जहां एनडीए ने संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारे हैं, वहीं, महागठबंधन के सहयोगी पार्टियों का कई सीटों पर फ्रेंडली मुकाबला हो रहा है, लेकिन इन सभी से इतर जो सभी महत्वपूर्ण बात है कि एनडीए हो या महागठबंधन के उम्मीदवारों में जाति समीकरण और परिवारवाद हावी दिख रहा है. वहीं, पूर्व की तरह ही चुनाव में बाहुबलियों की एंट्री हुई. चुनाव में या तो खुद बाहुबली ताल ठोंक रहे हैं या फिर उनके अपने करीबी चुनाव मैदान में हैं.
यदि आंकड़ों पर नजर डालें तो बाहुबली उम्मीदवारों में 9 राजद से, 7 उम्मीदवार जदयू से, 4 उम्मीवार भाजपा से और 2 उम्मीदवार लोजपा (रामविलास) हैं. इन सीटों पर केवल राजनीतिक पार्टियों की ही लड़ाई नहीं है, बल्कि साख और विरासत की भी लड़ाई है.
मोकामा विधानसभा सीट: अनंत सिंह Vs सूरजभान की पत्नी
मोकामा की सियासत बाहुबलियों के इर्द-गिर्द घूमती रही है. इस बार मोकामा विधानसभा सीट पर जेडीयू ने एक बार फिर छोटे सरकार के नाम से प्रसिद्ध अनंत सिंह को उतारा है. वहीं, आरजेडी ने सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को टिकट दिया है. अनंत कुमार लगातार पांच बार इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं, हालांकि साल 2022 में एके-47 रखने के मामले में अनंत सिंह को जेल हुई और उनकी जगह उनकी पत्नी ने उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी.
चुनाव से कुछ दिन पहले अनंत सिंह जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं. जेडीयू ने उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया है. उनके खिलाफ आरजेडी ने सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी टिकट दिया है. वीणा देवी मुंगेर की पूर्व एमपी हैं और इस इलाके में उनका भी काफी दबदबा माना जाता है. फिलहाल इन दो बाहुबली उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है, वहीं, 25 साल बाद मोकामा में एक बार फिर जबरदस्त मुकाबला देखने मिल सकता है.
नवीनगर सीट से आनंद मोहन के बेटे चेतन मैदान में
राज्य के एक और बाहुबली राजपूत नेता आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद चुनावी मैदान में हैं. चेतन आनंद को जदयू ने राजपूत बहुल नवीनगर विधानसभा सीट से उतारा है.
आनंद मोहन गोपालगंज के कलेक्टर जी कृष्णैय्या मर्डर केस मामले में 15 साल सजा काटकर जेल से छूटे हैं. जेल से छूटने के बाद वह फिर से राजनीति में सक्रिय हो गए हैं. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने बेटे चेतन आनंद को राजद की टिकट पर शिवहर से चुनावी मैदान में उतारा था और वह विजयी भी हुए थे. इस बार फिर से वह चुनावी मैदान में हैं.
एकमा में धूमल सिंह ने ठोंकी अपनी दावेदारी
सारण के एकमा विधानसभा सीट से बाहुबली मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह फिर से जदयू के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी सीता देवी ने इसी सीट से प्रतिद्वंद्विता की थी, लेकिन उन्हें पराजय मिली थी. धूमल सिंह की पहचान एक बाहुबली नेता के रूप में होती है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनका घनिष्ठ संबंध है.
भोजपुर जिले में पांडे परिवार के बीच टक्कर
भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा सीट से सुनील पांडे के बेटे प्रशांत प्रशांत बीजेपी के टिकट चुनाव लड़ रहे हैं. यह क्षेत्र भूमिहारों का गढ़ माना जाता है. वहीं, ब्रह्मपुर से सुनील पांडे के भाई हुलास पांडे एलजेपी (आर) से उम्मीदवार हैं. भोजपुर की सियासत में पांडे परिवार की सियासत को लेकर काफी चर्चा है.
वारिसलीगंज सीट: दो बाहुबलियों के बीच मुकाबला
वारिसलीगंज सीट 2025 के सबसे नजदीकी चुनावी मुकाबलों में से एक बनकर उभरी है. इस सीट पर लालू प्रसाद की राजद ने बाहुबली नेता अशोक महतो की पत्नी अनीता कुमारी को मौजूदा भाजपा विधायक अरुणा देवी के खिलाफ उतारा है.
अरुणा देवी बाहुबली नेता अखिलेश सिंह की पत्नी हैं. अशोक महतो और अखिलेश सिंह के बीच नवादा जिले में पहले भी तीखी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है. केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के खिलाफ मुंगेर से लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने वाली और भारी हार का सामना करने वाली अनीता देवी पर इस बार फिर से आरजेडी ने विश्वास जताया है.
कुचायकोट में अमरेंद्र पांडे फिर से मैदान में
कुचायकोट सीट पर बाहुबली विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय छठवीं बार चुनावी मैदान में हैं. दूसरी ओर, महागठबंधन ने नए चेहरे और दुबई के उद्योगपति हरिनारायण सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है. बाहुबली बनाम उद्योगपति का यह मुकाबला कुचायकोट की सियासत में काफी चर्चा हो रही है. गोपालगंज के कुचायकोट से लगातार पांच बार विधायक रह चुके अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय ने इस बार छठवीं बार अपना भाग्य अजमा रहे हैं.
रघुनाथपुर से शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा बना उम्मीदवार
राजद ने बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को सिवान के रघुनाथपुर विधानसभा सीट उम्मीदवार बनाया है. हालांकि ओसामा का यह पहला इलेक्शन है. इसे शहाबुद्दीन परिवार की अग्निपरीक्षा मानी जा रही है. एक समय था, जब सीवान में शहाबुद्दीन की तूती बोलती थी. जेल में रहते हुए भी उनकी पकड़ इस इलाके में काफी थी.
हालांकि साल 2008 में कई आपराधिक मामलों में सजा मिलने के बाद वह चुनाव नहीं लड़ पाए थे, फिर साल 2021 में कोविड से उनकी मौत हुई. इसके बाद उनकी पत्नी हीना शहाब तीन बार चुनाव लड़ने के बावजूद उन्हें जीत नहीं मिली. पिछले लोकसभा चुनाव में भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उन्हें पराजय मिली थी.
संदेश में बालू माफिया की धमक
भोजपुर के संदेश विधानसभा सीट पर इस बार दो बालू माफिया के बीच मुकाबला माना जा रहा है. राजद ने अरुण यादव के बेटे दीपू राणावत को उम्मीदवार बनाया है, जबकि जदयू ने राधा चरण साह को टिकट दिया है. यह सीट पिछले दस सालों से राजद के कब्जे में है, लेकिन इस बार मुकाबला कांटे का माना जा रहा है.
लालगंज में मुन्ना शुक्ला की बेटी राजद की उम्मीदवार
बाहुबली माने जाने वाले मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को राजद ने लालगंज से उम्मीदवार बनाया है. शिवानी शुक्ला के पिता मुन्ना शुक्ला ने 2000 में हाजीपुर जेल से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी.
साल 2005 में लोक जनशक्ति पार्टी से और फिर दोबारा हुए इलेक्शन में जदयू के टिकट पर जीत हासिल की थी. साल 2010 में उनकी पत्नी अनु शुक्ला जदयू से विधायक बनीं. लेकिन बाद में उनके परिवार को लगातार पराजय मिली है. अब मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी चुनावी मैदान में हैं.
नवादा और दानापुर में भी कांटे की टक्कर
राजद के बाहुबली नेता रीतलाल यादव लोहिया फिलहाल जेल में हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें दानापुर विधानसभा सीट से से टिकट दिया है. रीतलाल यादव 2020 में इसी सीट से जीत की एंट्री की थी. वहीं, बीजेपी ने इस सीट से रामकृपाल यादव को टिकट दिया है. दूसरी ओर, विभा देवी के पति और पूर्व विधायक राज बल्लभ यादव पटना उच्च न्यायालय से पॉक्सो’ मामले में बरी होने के बाद जेल से बाहर निकले हैं. उनकी पत्नी विभा देवी ने राजद को अलविदा कह दिया है और जदयू ने उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया है.
मुजफ्फरपुर-बनियापुर सीट पर उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व नाबालिग प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह को जदयू ने टिकट दिया है, जबकि उनके भाई जन्मदिन सिंह बीजेपी के उम्मीदवार हैं.
