बिहार चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) में चल रही खींचतान अब लगभग खत्म होती दिख रही है. कांग्रेस आखिरकार RJD की सबसे बड़ी मांग के आगे झुक गई है… यानी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने पर सहमति बन गई है. सूत्रों का कहना है कि लालू प्रसाद यादव के रणनीतिक ‘खेल’ ने कांग्रेस को झुकने पर मजबूर कर दिया, जिससे महागठबंधन में जारी गतिरोध लगभग समाप्त हो गया है. माना जा रहा है कि ‘दोस्ताना मुकाबले’ (friendly fights) अब कुछ ही सीटों पर सीमित रहेंगे.
बिहार में नामांकन वापस लेने का आज आखिरी दिन है, लेकिन महागठंबधन की तरफ से सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान अभी तक नहीं हुआ है. पहले चरण की जिन सीटों पर नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहां कम से कम तीन सीटों पर महागठबंधन के भीतर ‘फ्रेंडली फाइट’ तय मानी जा रही है.
गहलोत-तेजस्वी में क्या हुई बात?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने बुधवार को लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से राबड़ी आवास पर मुलाकात की. बैठक में कांग्रेस बिहार प्रभारी कृष्णा अलावरू भी मौजूद थे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि, कांग्रेस अब तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने पर सहमत हो सकती है. पहले कांग्रेस इस पर अड़ी थी कि महागठबंधन का प्रचार किसी एक चेहरे के बजाय सामूहिक रूप से किया जाए, जबकि आरजेडी की पूरी रणनीति ‘तेजस्वी सरकार’ के नारे पर केंद्रित थी.
गहलोत ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘हमारी बहुत अच्छी बातचीत हुई है. कल संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी जिसमें सारी बातें साफ हो जाएंगी. महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है. बिहार में 243 सीटें हैं, जिनमें 5-10 सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हो सकता है.’
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट बंटवारे को लेकर अब लगभग सहमति बन चुकी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ‘प्रायोजित अभियान’ चलाकर महागठबंधन में दरार की झूठी कहानी फैलाने की कोशिश की.
इन सीटों पर फ्रेंडली फाइट
फिलहाल महागठबंधन के भीतर जिन सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बनी हुई है, उनमें शामिल हैं — वैशाली जहां से आरजेडी के अजय कुशवाहा, कांग्रेस से संजीव सिंह के बीच टक्कर है. कहलगांव में आरजेडी से रजनीश भारती, कांग्रेस से प्रवीण सिंह कुशवाहा, नरकटियागंज में आरजेडी से दीपक यादव, कांग्रेस से शश्वत केदार पांडे, सुल्तानगंज में आरजेडी से चंदन सिन्हा, कांग्रेस से ललन यादव, और सिकंदरा (SC) सीट से आरजेडी से उदय नारायण चौधरी, कांग्रेस से विनोद चौधरी के बीच मुकाबला है.
इसके अलावा कांग्रेस और CPI के बीच बछवारा, राजा पाकर (SC), करघर और बिहार शरीफ सीटों पर भी टकराव की स्थिति है. वहीं, बेलदौर सीट पर कांग्रेस का मुकाबला इंडियन इनक्लूसिव पार्टी से और बाबूबरही में आरजेडी का मुकाबला विकासशील इंसान पार्टी (VIP) से हो सकता है.
गहलोत ने यह भी साफ किया कि, ‘243 सीटों में से कुछ पर स्थानीय समीकरणों के कारण ऐसी स्थिति बन गई है कि एक-दो पार्टी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. लेकिन यह बहुत छोटी बात है. मीडिया ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया. वास्तव में कोई समस्या नहीं है. बिहार में बदलाव की लहर है और जनता समझ चुकी है कि INDIA ब्लॉक की जीत ही राज्य और देश के हित में है.’
हालांकि, कांग्रेस के भीतर सीटों को लेकर असंतोष की आवाजें भी उठीं. कुछ टिकट चाहने वालों ने आरोप लगाया कि बिहार प्रभारी कृष्णा अलावरू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान ने टिकट देने में अनियमितता और पक्षपात किया. कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि तेजस्वी को सीएम फेस मानने में अनावश्यक देर करके पार्टी ने आरजेडी को नाराज़ किया और इससे गठबंधन की एकजुटता को नुकसान हुआ.
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो रैलियों के साथ बिहार में एनडीए के प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे, जबकि विपक्षी गठबंधन की ओर से अभी तक संयुक्त प्रचार कार्यक्रम की रूपरेखा स्पष्ट नहीं है.
