मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण के लिए सर्वे शुरू हो गया हैं। इसमे 65 किलोमीटर लंबी रेललाइन की दोहरीकरण के लिए सर्वे का काम चल रहा हैं। इस सर्वे होने के बाद दोहरीकरण परियोजना के तहत अतिरिक्त रेलवे लाइन निर्माण के लिए कार्ययोजना बनेगी।
अगले वित्त वर्ष से निर्माण कार्य होगा शुरू
इस लाइन के दोहरीकरण के लिए पिछले वर्ष मंजूरी मिली थी। और इसके लिए बीते माह संसद में पेश बजट में एक करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया था। सर्वे कार्य संपन्न होने के बाद अगले वित्त वर्ष से मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड में दोहरीकरण के लिए निर्माण का कार्य शुरू हो सकता हैं। मुजफ्फरपुर से जुड़े दो रेलखंड समस्तीपुर तथा हाजीपुर रेलखंड का दोहरीकरण हो चुका है। और , मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड पर भी दोहरीकरण कार्य का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका हैं।
उत्तर बिहार मे रेलवे नेटवर्क का होगा विस्तार
वहीं पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ (CPRO) वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण के लिए तैयारीया की जा रही हैं। सर्वे के बाद निर्माण की काम शुरू की जाएगी। मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण होने से उत्तर बिहार मे रेलवे नेटवर्क का विस्तार हो सकेगा। इस रेलखंड से वर्तमान समय मे सात जोड़ी यात्री ट्रेनें चल रही है।जिसमे सद्भावना एक्सप्रेस, रक्सौल से मुंबई जाने वाली अंत्योदय एक्सप्रेस,आनंद विहार जाने वाली लिच्छवी एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र-दरभंगा के अलावा दानापुर-रक्सौल पैसेंजर आदि ट्रेनें शामिल है।
ग्रामीणो को मिलेगी सुविधा
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण होने के बाद जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का विकास मे मदद मिलेगी । रेल लाइन दोहरीकरण के बाद ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। जिसमे रेलखंड में पड़ने वाले परमजीवर ताराजीवर, बेनीपुर ग्राम, जुब्बा सहनी स्टेशन, रुन्नीसैदपुर, गरहा, डुमरा व भीषा इत्यादि ग्रामीण इलाकों में रेलवे का नेटवर्क बढ़ेगा। कई रूटों के लिए ट्रेनें शुरू होने से जिले के ग्रामीणों को मुजफ्फरपुर जंक्शन नहीं आना पड़ेगा।