बिहार में आत्मनिर्भर बनने के लिए लड़कियां अब चाय के कारोबार से जुड़ रही हैं। कुछ दिन पहले ही स्नातक पास कर चुकी प्रियंका चाय बेचने के कारण सुर्खियों में रही थी, इस बीच अब BCA कर चुकी मोना पटेल भी आत्मनिर्भर चयवाली बन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को सरजमी पर उतार रही हैं। ऐसा नहीं है कि मोना को नौकरी का ऑफर नहीं मिला, लेकिन कम पैसे मिलने के कारण उन्होंने खुद का काम करना तय किया।
ठुकरा दिया प्राइवेट कंपनी में नौकरी का ऑफर
मूल रूप से समस्तीपुर की रहने वाली मोना ने पिछले साल पटना विमेंस कॉलेज से BCA की पढ़ाई पूरी की है। वह अब MCA करना चाहती हैं, लेकिन आर्थिक कारण इसमें बाधा बन रहा था। इस दौरान उन्हें एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी का ऑफर मिला लेकिन कम पैसा और आठ घंटे की ड्यूटी उन्हें रास नहीं आई और ऑफर ठुकरा दिया। वे बताती हैं कि उनके माता और पिता भी निजी कंपनी में ही नौकरी करते हैं और उनकी दिक्कतों को देखा है।
PM के आत्मनिर्भर बनने की अपील से प्रभावित
मोना ने बताया कि मैंने पटना की पहली ग्रेजुएट चाय वाली प्रियंका के बारे में सुना था। न्यूज और सोशल मीडिया पर उसकी कहानी भी पढ़ी। इसके बाद मैंने भी चाय की दुकान खोलने का फैसला लिया। मोना का कहना है कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर बनने की अपील से भी वह प्रभावित हुई। उसने हालांकि यह भी कहा कि इस काम को घर वालों को बिना बताए ही शुरू किया है।
रोजाना बेचती है 1000 रुपये की चाय
ज्ञान भवन के सामने मोना दुकान चलाती है और खुद चाय भी बनाती है, ग्राहक भी संभालती है। वह बताती है कि औसतन प्रतिदिन वह 1000 रुपये की चाय आसानी से बेच देती हैं। उन्होंने कहा कि चाय है तो चलेगी ही। मोना चार से पांच तरह की चाय बनाती है। चाय की कीमत 10 से 20 रुपये तक है। उसकी मसाला चाय, कुल्हड़ चाय, पान चाय ग्राहक खूब पसंद करते हैं। इस स्टॉल पर उन्होंने ‘आत्मनिर्भर चायवाली’ लिख रखा है।
उन्होंने अपनी दुकान के ऊपर लिखा है, ‘जिसे लत लग जाए, मंजिल की सूखा खाना भी उसे खाना पड़ता है, मंजिल खुद चलकर नहीं आती, मंजिल तक हमें खुद जाना पड़ता है’ लिखकर युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं।