मानसून आने से पहले ही क्षेत्र के लोग संभावित बाढ़ की त्रासदी से बचने के लिये प्रयास में जूट गये हैं। प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के लोगों को बाढ़ की अधिक चिंता सता रही है। मेघवपुर गांव के गोविंद चौधरी, संजय चौधरी, हनुमाननगर गांव के लालू यादव, बिरेन्द्र यादव ने बीते वर्ष में बाढ़ से हुई तबाही का मंजर यादव करते हुए कहा कि बाढ़ के दौरान प्रत्येक जिला मुखलय से संपर्क भंग हो जाता हैं।
इस वर्ष कुम्मा स्थित दोनों डायवर्सन में पुल निर्माणाधीन है। यदि बरसात पूर्व अविलंब उसे चालू नहीं किया गया तो पुन: जिला मुख्यालय से संपर्क भंग होना तय है। तब लोगों को बाजपट्टी होते हुए 20 किमी अधिक दूरी तय कर जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ेगा। यही हाल बीते तीन दशकों से है। बाढ़ में सुरसंड से पुपरी जाने वाली पथ एसएच 87 में कोआरी लचका में पानी चढ़ने पर अनुमंडल कार्यालय भी आना-जाना बंद हो जाता है।
इससे बचाव के लिए अभी तक पहल शुरू नहीं की गई है। ज्ञात हो कि नेपाल के पहाड़ों से निकली रातो नदी से श्रीखंडी भिठ्ठा गांव के वार्ड संख्या पांच के लगभग दो सौ घरों में पानी घुसने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। सीओ संजय कुमार के अनुसार बागमती प्रमंडल के द्वारा रातो के तटबंध का मरम्मती तथा रख-रखाव किया जाना है। जिसके लिये उनके कार्यपालक अभियंता विभिन्न तटबंधों का जायजा ले रहे हैं।