संपूर्ण क्रांति दिवस पर महागठबंधन ने कांग्रेस को दरकिनार कर प्रदेश में नए समीकरण के साथ राज्य सरकार के खिलाफ लड़ाई का ऐलान किया। वामदलों के साथ राजद की एकजुटता का संकल्प लिया और आरोप पत्र जारी कर राज्य सरकार को असफल करार दिया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि पूरे देश को आरएसएस ने हाईजैक कर लिया है। मैंने भी अगर समझौता कर लिया होता तो आज मुख्यमंत्री होता।
गांधी मैदान स्थित बापू सभागार के मंच पर मौजूद भाकपा के डी. राजा, माले के दीपंकर भट्टाचार्य एवं किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले के साथ तेजस्वी यादव ने संकेत दिया कि यह गठबंधन आगे भी चलता रहेगा। वामदलों ने केंद्र के साथ राज्य सरकार को भी घेरा, लेकिन तेजस्वी ने अपने संक्षिप्त भाषण में राज्य सरकार से ज्यादा केंद्र पर हमले किए।
नीतीश का नाम लिए बगैर कहा कि कभी वे हमारे साथ थे। आज कहीं और हैं। सांप्रदायिक ताकतों के आगे लालू प्रसाद कभी नहीं झुके। उनका लड़का भी नहीं झुकेगा। 19 लाख रोजगार के वादे क्या हुआ। देश की संपत्ति बेची जा रही। बोलो तो छापे पड़ जाते हैं। हिंदुत्व को खतरे में बताया जा रहा, जबकि तीनों सेनाओं के प्रमुख हिंदू हैं? प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति हिंदू हैं। फिर हिंदुत्व खतरे में कैसे है। भाकपा के महासचिव डी. राजा ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की नहीं, भाजपा की सरकार है। क्षेत्रीय दलों को सबक लेने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा कि आठ वर्ष पहले अच्छे दिन लाने के वादे किए गए थे। कहां गए अच्छे दिन?
संविधान बचाने की जरूरत : दीपंकर
माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हमारे सामने देश व संविधान को बचाने का मकसद है। रेलवे के निजीकरण के खिलाफ छात्र-युवाओं का गुस्सा देखा है। इसलिए रोजगार नारा नहीं, बल्कि आज की सबसे बड़ी मांग है। आरोप लगाया कि विरोध की आवाज को अर्बन नक्सल कहकर प्रताडि़त किया जा रहा है। 2024 तक फासीवादी सरकार को खत्म करना होगा। इसे गांव-गांव में आंदोलन खड़ा कर किया जा सकता है।
सात अगस्त को जिला मुख्यालयों पर प्रतिरोध
तय हुआ कि वामदलों के साथ मिलकर राजद सड़क पर भी आंदोलन करेगा। सात अगस्त को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर साझा प्रतिरोध कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम को अशोक धावले, भाकपा पोलित ब्यूरो नेता अतुल अंजान, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी संबोधित किया। संचालन राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने किया। अशफाक करीम, धीरेंद्र झा, केडी यादव, अनिता देवी, ललन चौधरी, जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी, राजाराम सिंह, नागेंद्र ओझा ने भी अपनी बात रखी। मंच पर श्याम रजक, कांति सिंह, जयप्रकाश नारायण यादव, भोला यादव, माले के राज्य सचिव कुणाल, चितरंजन गगन, शक्ति सिंह यादव, विनोद यादव एवं प्रमोद कुमार सिन्हा समेत कई नेता मौजूद थे।