भाजपा से नाता तोड़ने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी पार्टियों को एकुजट करने में लगे हुए हैं. हाल ही में नीतीश कुमार की बिहार में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से मुलाकात हुई थी. अब इसके बाद नीतीश कुमार पांच सितंबर को तीन दिवसीय दिल्ली के दौरे पर जा रहे हैं. यहां उनकी मुलाकात कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से होगी. नीतीश कुमार के इस दौरे को काफी मायनों में खास बताया जा रहा है. इसे नीतीश कुमार की देश में विपक्षी एकता को एकजुट करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है. इसी को लेकर पटना में जेडीयू राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक आज से हो रही है, जिसमें विपक्षी एकजुटता को लेकर विचार-विर्मश हो रहा है. पढ़ें राज्य कार्यकारिणी की बैठक में हुई चर्चा पर 10 बड़े अपडेट्स…
बिहार में एनडीए से अलग होकर महागठबंधन की सरकार बनाने वाले जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार को 2024 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट करने को लेकर चर्चा तेज हो गई है. जेडीयू भले ही इस बात को खुलकर नहीं बोल रही है, लेकिन नीतीश कुमार का विपक्षी दलों के नेताओं से मिलना इस ओर इशारा कर रहा है.
पटना में शुरू हुई जेडीयू की दो दिवसीय राज्य कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार के समर्थन में जमकर नारे लगाए गए. जानकारी के मुताबिक, बैठक में नारेबाजी की गई कि देश का प्रधानमंत्री कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो.
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने को लेकर अधिकृत किया गया. जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर वह विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि अगर सभी विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़ें तो साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 50 सीटों पर सिमट जाएगी. वह भी इसी अभियान में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग प्रदेश में सांप्रदायिक और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का कार्य करेंगे. हम सभी को पंचायत स्तर तक पूरी सावधानी बरतनी है.
पटना में हो रही जेडीयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा का सामूहिक रूप से मुकाबला करने के अलावा महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा हुई. पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू करने का भी फैसला हो सकता है. संगठनात्मक चुनाव पर भी मंथन होगा. विभिन्न राज्यों में संगठन विस्तार, चुनाव लड़ने सहित कई एजेंडों पर मुहर लग सकती है.
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार जल्द ही देशभर की विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने के लिए देशव्यापी अभियान पर निकलने वाले हैं. ऐसे में नीतीश कुमार का यह दिल्ली दौरा विपक्षी एकता को एकजुट करने के पहले पड़ाव के रूप में भी देखा जा रहा है.
वहीं बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी हमारी पार्टी की चिंता छोड़ दे. बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव की चिंता करे. ललन सिंह ने कहा कि फिलहाल थर्ड फ्रंट बनाने की कोई जरूरत नहीं है. जेडीयू का यह चाहती है कि सभी विपक्षी राजनीतिक दल एक मंच पर आएं और एक साथ मिलकर बीजेपी का मुकाबला करें.
विपक्षी एकता पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब सब साथ रहे तो जनता भी साथ आएगी. वक्त आने पर दिल्ली भी जाएंगे. आज देश में नई तरह की राजनीति चल रही है. लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ रही हैं, लेकिन कोई बोलने वाला नहीं है, क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसियों का डर दिखाया जाता है. इसी डर को भगाना है.
वहीं मणिपुर में जेडीयू के पांच विधायकों की टूट के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तल्ख अंदाज भी देखने को मिला. मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि इसका हिसाब 2024 में हो जाएगा. बस विपक्षियों को एकजुट करने की जरूरत है. इसी मिशन में वह लगने वाले हैं.
पटना में आयकर चौराहे पर जेडीयू के पोस्टर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फोटो लगी दिखी, जिसमें लिखा था कि 2024 के आम चुनाव से पहले ‘बिहार में दिखा, भारत में देखेंगे’.