सीतामढी औद्योगिक क्षेत्र मे स्थापित दुग्ध शीतक केंद्र को 70 करोड़ की लागत से विस्तारित किया गया है। यहां से प्रतिदिन चार लाख दुग्ध व दुग्ध उत्पाद होगा। इस केंद्र का सभी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है तथा प्लांट भी लगाए जा चुके हैं। सभी मशीन व प्लांट का पानी से जांच कर गई है। अब क्रम से दूध के साथ अतिम जांच की जा रही है।
इस केंद्र का प्लांट पूर्ण रूप से कंपयूटर से स्वचालित होगा तथा इस प्लांट से दूध पैकेटिंग के साथ ही घी, बटर, पनीर व दही का उत्पादन होगा। इस प्लांट के उदघाटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, शीघ्र ही इस प्लांट के लोकार्पण की संभावना है। इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन चार लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग की है।
यहां से पैकेटिंग के साथ घी, बटर, दही, पनीर, फूल क्रीम दूध व स्टैंर्ड दूध की उत्पादन किया जाएगा। इसके साथ ही यहां मिठाई निर्माण का काम भी शुरू किया जाएगा। यह प्लांट पूर्ण रूप से स्वचालित होगा। इसमें कंप्यूटर सिस्टम लगाया गया है जिससे वह नियंत्रित होगा। यहां से उत्पादन का मूल्य भी अन्य स्थानों से कम होगा। अब इस केंद्र से दूध एवं दूध उत्पाद की आपूर्ति शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सिवान व मुजफ्फरपुर में की जाएगी। इसके साथ ही इस केंद्र में तीस टन क्षमता के मिल्क पावडर उत्पादन के लिए भी स्वचालित मशीन लगाने का प्रस्ताव है।
शिवहर, पूर्वी चंपारण व मुजफ्फरपुर में हाेगी दूध उत्पादों की आपूर्ति मिलेगा रोजगार व दूध संग्रहण के साथ ही होगा इनपुट सेवा इस प्लांट से 50 से अधिक टेक्निकल लोगो को रोजगार मिलेगा वहीं 200 से अधिक स्पोर्टिव को रोजगार मिलेगा।इतना ही नहीं तिमुल द्वारा बियार्डा में ही तीन एकड़ का एक और भूमि का प्लॉट लिया गया है।
जिसमें दूध संग्रहण के साथ ही इनपुट सेवा, कैटल फीड व दवा सप्लाई, ग्रामीण सेवा एवं अन्य आयोजन किया जाएगा। तिमुल द्वारा जिले के सभी गांवों से दूध का उठाव किया जाएगा एवं उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। तिमुल से ही उन्हें मवेशी के लिए सलाह, कैटल फीड, दवा आदि मुहैया कराया जाएगा। इससे जिले के किसानों का पशुपालन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। उनके आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
स्रोत दैनिक भास्कर