लोकसभा चुनाव से पहले की मंदिर पॉलिटिक्स ने जोर पकड़ लिया है। एक तरफ जहां अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण जारी है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार के योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने केन्द्र सरकार पर माता सीता की उपेक्षा का आरोप मढ़ दिया है। उन्होने कहा कि बीजेपी अयोध्या प्रेम में इस कदर डूब गई है कि वो माता सीता को भूल गई है। और ऐसा सिर्फ राजनीतिक कारणों से हो रहा है, क्योंकि माता सीता से उनका वोट बैंक नहीं बढ़ेगा। यही वजह कि वो माता सीता को याद नहीं करते। क्या बीजेपी बताएगी कि माता सीता का स्थान क्या है, क्या भगवान श्रीराम से पहले सीता का नाम नहीं लिया जाता
बिजेंद्र यादव ने कहा कि अयोध्या पर जिस तरह मोदी सरकार कृपा बरसा रही है, वैसी कृपा सीतामढ़ी क्यों नहीं हो रही। जबकि माता सीता का स्थान श्रीराम से ऊपर है। केंद्र सरकार सबकुछ जानते हुए भी अनजान है। और सीतामढ़ी के साथ भेदभाव कर रही है। वो नहीं चाहती कि सीतामढ़ी को राष्ट्रीय धार्मिक मानचित्र पर जगह मिले। ये बिहार के साथ-साथ संपूर्ण मिथिला का घोर अपमान है।
मंत्री बिजेंद्र यादव ने केंद्र सरकार से मांग है कि सीतामढ़ी में अयोध्या की तरह भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए। उसे अयोध्या के समान विकसित किया जाना चाहिए। और हर वो सुविधा होनी चाहिए जो अयोध्या में उपलब्ध है। अयोध्या की तरह ही सीतामढ़ी में भी माता सीता की विशाल मूर्ति स्थापित हो, साथ ही भगवान श्रीराम का भी मंदिर सीतामढ़ी में बने, जिससे लोगों को सीतामढ़ी के गौरवशाली अतीत और सांस्कृतिक विरासत के बारे में मालूम पड़े। अगर ऐसा केंद्र सरकार करती है तो ये माता सीता की उपेक्षा का प्रायश्चित होगा।
साल 2024 में लोकसभा चुनाव और साल 2025 में बिहार में चुनाल है। ऐसे में जदयू ने भी सीता की राजनीति का मन बना लिया है। और केंद्र सरकार पर नीतीश के मंत्री बिजेंद्र यादव ने एक साथ कई सियासी तीर छोड़ दिए हैं। आपको बता दें सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मां सीता और भगवान राम का प्राचीन मंदिर है, लेकिन इसको विकसित करने का प्लान अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा है