आज दिनांक 18/03/2023 को सीतामढ़ी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट प्रोजेक्ट का प्रदर्शित किया यह प्रोजेक्ट इ-यंत्रा आईआईटी मुंबई के द्वारा स्थापित लैब में डेवलप किया गया
एसआईटी प्राचार्य डॉ•सुनील कुमार द्वारा 3 प्रोजेक्ट का प्रदर्शित का निरीक्षण किया गया और बच्चों को इसकी रियल टाइम प्रोडक्ट डिवेलप करने के लिए प्रोत्साहित किया
कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के विभागीय अध्यक्ष प्रोफेसर सादिक नईम ने छात्र-छात्राओं द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट की सहारना की एवं AI का इस्तेमाल के लिए ज़ोर दिया।
इस कार्यक्रम में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट प्रो• नीरज कुमार , प्रो•निशांत कुमार, प्रो• इफ्तिखार अहमद ,प्रो• अजीत कुमार डॉ• अनिल कुमार, अमरजीत कुमार ,शाकिर अंसारी, प्रो•इश्तियाक अहमद आदि सम्मिलित हुए।
एसआईटी के छात्र-छात्राओं के द्वारा 3 प्रोजेक्ट बनाए गए
(1)पहला प्रोजेक्ट-Flood Detection छात्र छात्राओं के द्वारा बताया गया कि बाढ़ के समय ऐसे यंत्र की आवश्यकता पड़ती है जो हमें सही जानकारी दे सके ऐसे ही यंत्र को बनाया रवि रंजन कुमार ने कहा कि इसमें 3 लेवल है ग्रीन लेवल 0 से 50% पीला रंग 50% से 75% लाल रंग 80% जब पानी का स्तर लाल शुरू हो जाता है तो तो खतरे की घंटी अलार्म के रूप में बजने लगता है चंदन कुमार आरती कुमारी रूपम राज इत्यादि
दूसरा प्रोजेक्ट का नाम- स्मार्ट होम ऑटोमेशन सिस्टम यूजिंग ब्लूटूथ इस प्रोजेक्ट से हम किसी भी जगह से अपने इलेक्ट्रॉनिक सामानों को नियंत्रण कर सकते हैं इसमें ब्लूटूथ तकनीकी का प्रयोग होता है जैसे कि हम घर से दूर सिंचाई में मोटर को कंट्रोल करना घर के फैन को कंट्रोल करना फ्रिज को कंट्रोल करना इत्यादि प्रोजेक्ट में सहयोगी सदस्य सौरभ कुमार, प्रतिक्षा राय, सोनम कुमारी, सिंधु कुमारी इत्यादि
तीसरा प्रोजेक्ट का नाम- स्मार्ट रोबोट यह प्रणाली आपदा, भूकंप, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदा में फंसे लोगों की समय पर मदद करने के लिए अरुडिनो पर आधारित एक मोबाइल रेस्क्यू रोबोटिक वाहन प्रणाली को डिजाइन करती है। यह भूमिगत क्षेत्रों जैसे आपदा क्षेत्र में मानव की गतिशील स्थिति को समय पर और सटीक रूप से दर्शाती है। नियंत्रण कक्ष में, ताकि विशेषज्ञों और डॉक्टरों की रेस्क्यू टीम को प्राथमिक उपचार के लिए पीड़ित के स्थान पर भेजा जा सके और सुरक्षित स्थान या अस्पताल में भेजा जा सके। पूरी प्रक्रिया कुछ सेकंड के भीतर होती है क्योंकि सिस्टम एक Arduino इकाई द्वारा नियंत्रित होता है। प्रोजेक्ट में श्रेया श्रीवास्तव रितु कुमारी रोहित रंजन इत्यादि ने मिलकर बनाया