यूपी के बलिया जिले से भावुकता बढ़ाने और मानवीय संवेदना को जगाने वाला वीडियो सामने आया है। यूपी के बलिया जिले से मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल एक महिला शहर के एक अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची। इसी दौरान अस्पताल के बाहर जमीन पर बैठे हुए मानसिक विक्षिप्त आदमी पर उसकी नजर पड़ी। महिला उसके नजदीक पहुंची तो वह दंग रह गई मानों उसके पैरो तले से जमीन खिसक गई हो। जमीन पर बैठा शख्स उस महिला का पति निकला जो 10 साल पहले लापता हो गया था। देखते ही महिला फफक-फफक कर रोने लगी और छोटे बच्चे की तरह पति को दुलारने लगी।
पति को भिखारी जैसी हालत में देखकर महिला भावुक होकर उससे लिपट कर रोने लगी। वह पति के पास जाकर बैठ गई। अपने हाथों से उसके बाल और चेहरे को साफ करने लगी। महिला रोते-रोते उससे बार-बार पूछती है आप ठीक हो, कहां थे इकने दिनों तक, घर क्यों नहीं आए। लेकिन इस दौरान शख्स चुपचाप बैठा रहा किसी भी बात को कोई जवाब नहीं दिया। फिर महिला अपना दुपट्टा ओढ़ाती है। इसके बाद बेटे को फोन करके बच्चों से कहती है कि पापा मिल गए हैं घर से एक कुर्ता लेते आओ।
महिला ने बताया कि यह भिखारी कोई और नहीं बल्कि उसका पति मोतीचंद वर्मा है। जो 10 वर्ष से लापता हैं। मां के साथ आए बेटा कभी बाप का चेहरा निहारता तो कभी मां का। यह भावुक पल देख वहां खड़े लोगों के आंखों से आंसू निकलने लगे। लोग भगवान के चमत्कार की बात कहते हुए धन्यवाद देने लगे। बलिया शहर से सटे सुखपुरा थाना के देवकली गांव निवासी मोतीचंद वर्मा दस वर्ष पहले लापता हो गए थे। उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। लिहाजा, घर छोड़ कर चले गए।
अस्पताल के बाहर भिखारी जैसी हालत में दिखने वाले शख्स के सामने एक महिला को बैठे देख लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। मानसिक रूप से विक्षिप्त नजर आ रहे शख्स के बाल और दाढ़ी बढ़ी हुई थी। गंदे कपड़े पहने हुए वह जमीन पर बैठा हुआ था। मिली जानकारी के मुताबित महिला का नाम जानकी देवी है। उसके पति का नाम मोती चंद्र वर्मा है। ये दोनों देवकली थाना सुखपुरा के रहने वाले हैं। दोनों की शादी 21 साल पहले हुई थी।
पत्नी ने बताया कि पति मानसिक रूप से बीमार था और 10 साल पहले घर से अचानक कहीं चला गया था। तभी से मैं अपने पति को हर जगह तलाश कर रही थी, जो आज पूरी हो गई। फिलहाल इस पूरे मामले का वीडियो वायरल होने पर समाजसेवी समेत अन्य लोग उस महिला की तलाश में जुट गए हैं ताकि उसके पति की किसी तरह से मदद कर सकें।
मौके पर मौजूद लोग हो गए भावुक
पत्नी जानकी देवी ने काफी खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। तीन बेटों के साथ किसी तरह गुजर-बसर करने लगीं। शुक्रवार को जानकी देवी डॉक्टर से मिलने जिला अस्पताल पहुंची। इसी बीच 10 साल से बिछड़े पति पर नजर पड़ी तो वह रोने लगीं। भावुक भरे क्षण में बेटा भी साथ आया और पिता को सहारा देकर साथ ले गया। यह वाकया जिसने भी देखा, वह भावुक हो गया। सबने जानकी को बधाई दी और कहा कि भिखारी जैसे हालत में पति को पहचानकर पास गई, यह काबिले तारीफ है। अबका समाज किसी को देखकर मुंह मोड़ लेता है।
बहरहाल, दस साल बाद मोतीचंद अपने परिवार से मिल गए। उनकी मानसिक हालत अब भी ठीक नहीं है, लेकिन पत्नी व बेटे का सहारा मिला तो खुशी-खुशी उठकर चल पड़े। अब बेटे उनका इलाज कराएंगे। बेटे का कहना था कि पिता का साया सिर पर नहीं था। मां ही सहारा थी। अब मां-बाप का साया रहेगा।