नीतीश कुमार ने कहा, “मैं आज यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने आया हूं. वो इतना प्रेम करते थे और हम लोग उनकी इतनी इज्ज़त करते थे कि हम वो कभी भूल नहीं सकते.”
“जब पहली बार मैं मुख्यमंत्री बना तो वो शपथ ग्रहण समारोह में भी गए.”
पहले कभी बीजेपी नीत गठबंधन एनडीए का हिस्सा रहे नीतीश कुमार पिछले कुछ महीने से मोदी की बीजेपी के ख़िलाफ़ विपक्षी मोर्चा बनाने की पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं.
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी कोशिशों से विपक्षी पार्टियों का एक ब्लॉक बना है.
इसकी दो मीटिंग हो चुकी है और तीसरी मीटिंग मुंबई में इसी महीने होने वाली है.
संभावना है कि इस दौरे में वो दिल्ली में विपक्षी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे.
इस विपक्षी मोर्चे का नाम ‘इंडिया’ रखा गया है.
नीतीश कुमार के अचानक अटल समाधि पर पहुंचने को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “नीतीश कुमार के दिल्ली या मुंबई जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार से कह दिया है कि दिल्ली जाइए और तेजस्वी प्रसाद यादव के लिए मुख्यमंत्री की गद्दी छोड़ दीजिए. लेकिन नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी छोड़ने को राजी नहीं हैं.”
उन्होंने कहा, “मैं साफ़ साफ़ बता दूं कि बीजेपी के अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन 2024 में आ रहा है और नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.”