बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को गुजरातियों को लेकर दिए गए बयान पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने तेजस्वी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अहमदाबाद कोर्ट में सुनवाई कर रोक लगा दी है. कोर्ट के इस आदेश के बाद तेजस्वी को निचली अदालत में पेशी से छूट मिल गई है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने तेजस्वी की ट्रांसफर याचिका पर नोटिस जारी कर दिया है. जिसमें निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी गई है.
तेजस्वी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, “इस समय केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनके अपराध को माफ कर दिया जाएगा. एलआईसी और बैंक से संबंधित धन की पेशकश के बाद यदि वे भाग जाते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा?”
बीते हफ्ते तेजस्वी ने अहमदाबाद की एक निचली अदालत को सूचित किया था कि उन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले को ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
तेजस्वी ने इसी साल मार्च में दिया था बयान
मार्च, 2023 में तेजस्वी यादव ने गुजरातियों को लेकर बयान दिया था. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि केवल गुजराती ही ठग होते हैं. बैंकों का पैसा लेकर भागने वालों को माफ किया जा रहा है. इसके बाद गुजरात के एक कारोबारी और सामाजिक कार्यकर्ता हरेश मेहता ने उनके खिलाफ अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है. उन्होंने आरोप लगाए कि तेजस्वी यादव की टिप्पणी से सभी गुजरातियों की भावनाएं आहत हुई हैं.
इंटरपोल ने दी थी मेहुल चोकसी को राहत
बता दें कि मेहुल चोकसी ने इंटरपोल के सामने दावा किया था कि उसे 2021 में भारतीय एजेंसियों ने ही किडनैप किया था. उनकी तरफ से उसे डोमिनिका ले जाया गया था, वहां से भारत ले जाने की तैयारी थी. उसके इसी तर्क को समझते हुए इंटरपोल ने उसे ये बड़ी राहत दी थी. उसके खिलाफ जो रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, उसे वापस ले लिया गया. मेहुल चौकसी को मिली छूट को लेकर तेजस्वी यादव ने ये बयान दिया है