नीट पेपर लीक की सीबीआई जांच के बीच बिहार में सिपाही बहाली पेपर लीक को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने खुलासा किया है कि संजीव मुखिया गैंग ने ही सिपाही बहाली का पेपर भी लीक करवाया था. संजीव मुखिया गैंग वही गैंग है जिसका नाम शिक्षक बहाली और नीट पेपर लीक में सामने आ चुका है. संजीव मुखिया बिहार के नालंदा का रहने वाला है. ईओयू की टीम ने इस मामले में ब्लेसिंग सिक्योर प्रिंटिंग से जुड़े लोगों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है.
सिपाही बहाली के लिए पिछले साल 1 अक्टूबर को यह परीक्षा हुई थी. जांच में पता चला है कि परीक्षा से चार दिन पहले ही इसका पेपर लीक हो गया था. परीक्षा में 21 हजार से अधिक पदों के लिए एग्जाम हुए थे, लेकिन जब पेपर लीक का मामला सामने आया तो परीक्षा रद्द कर दी गई थी. परीक्षा रद्द किए जाने के बाद से ईओयू इस मामले की जांच में जुटी हुई थी.
खुली गाड़ियों में भेजा गया था प्रश्न पत्र
जांच में पता चला है कि सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए प्रश्न पत्रों की गोपनीयता का ख्याल नहीं रखा गया. प्रश्न पत्र और गोपनीय सामग्रियों को प्रेस से जिला कोषागार तक भेजने में एसओपी का पालन नहीं किया गया था. गोपनीय चीजों को खुली गाड़ियों में वो भी बिना किसी सील और सुरक्षाकर्मियों के प्रेस से कोलकाता स्थित वेयर हाउस भेजा गया था.
प्रेस से जो गाड़ियां प्रश्न पत्र लेकर निकली थीं वो जिला कोषागार में छह-छह घंटे लेट से पहुंची थीं. इस दौरान गाड़ियों में लगे जीपीएस को ठीक तरह से ट्रैक नहीं किया गया. कई गाड़ियां तो ऐसी रही कि प्रश्न पत्र लोड होने के बाद भी कई घंटे तक पटना में रूकी थीं जबकि उनको तुरंत अपने-अपने जिलों में रवाना होना था.
नीट मामले में सीबीआई ने पटना में डाला है डेरा
दूसरी ओर नीट पेपर लीक को लेकर भी सीबीआई जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. शुक्रवार को झारखंड के हजारीबाग से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर पटना ले आई है. गिरफ्तारी से पहले सीबीआई की टीम ने प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल से तीन दिन तक पूछताछ की थी. सीबीआई की टीम हजारीबाग से दो काले ब्रिफकेस और एक ट्रंक भी अपने साथ लेकर आई है. ये वही ट्रंक हैं जिसकी टेंपरिंग करके प्रश्न पत्र को लीक कराया गया था.