बिहार के पुलों के गिरने का मामला शांत हुआ नहीं कि अब बिहार से ही पुलों के अजीबो-गरीब निर्माण की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. बिहार के अररिया जिले से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जहां पुल पर चढ़ने के लिए लोगों को सीढ़ियों की मदद लेनी पड़ती है. इसके बाद वह पुल पर चढ़ पाते हैं. इसकी इंजीनियरिंग का तो क्या ही कहना, लेकिन 8 सालों से यहां के ग्रामीण इस लचर व्यवस्था की मार झेल रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक यह तस्वीर अररिया जिले के जोकहाट प्रखंड के मजगामा गांव की है. यहां पर 2016 में ही परमान नदी पर एक पुल का निर्माण किया गया था. इसे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाया गया था और इसे बनाने में 3 करोड़ 43 लाख की लागत लगी थी. इतनी मेहनत और पैसा लगने के बाद भी यह पुल इसी तरह से पड़ा हुआ है. इसकी वजह यह है कि पुल नदी के ऊपर तो बना लेकिन पुल के ऊपर चढ़ने के लिए अप्रोच मार्ग बना ही नहीं.
ग्रामीणों की मानें तो वह पुल के निर्माण के वक्त इस उम्मीद में थे कि कैसे भी करके अब उन्हें राहत मिलेगी और उनके गांव में आना-जाना आसान हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसी वजह से यहां के ग्रामीणों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. जनता के पैसों को पानी में कैसे बहाया जाता है इस पुल को बनाने वालों से पूछा जाना चाहिए. ग्रामीणों का कहना है कि 8 साल पहले बनने के बाद भी यह पुल उनके किसी काम नहीं आ रहा है.
सीढ़ी लगाकर चढ़ते हैं ग्रामीण
अप्रोच मार्ग के बिना यह पुल फिलहाल गांव वालों के किसी काम का नहीं है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है इस पुल से वाहन नहीं गुजर सकते. ऐसे में ग्रामीण पैदल ही इस पुल को पार करके दूसरी तक जाने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि अप्रोच मार्ग बनाने के लिए विभाग को प्राइवेट जमीन की खरीदी करनी थी. लेकिन, विभाग की ओर से यह काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है. जिसकी वजह से पुल का पूरा निर्माण नहीं हो पाया है. बता दें कि इससे पहले अररिया के रानीगंज से धान के खेत में बने पुल की तस्वीर सामने आई थी.