कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को बिहार दौरे पर गया जिले में दशरथ मांझी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. राहुल जिले के दशरथ नगर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने दशरथ मांझी के परिजनों से मुलाकात की. दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी ने उनका स्वागत किया. राहुल ने अन्य परिजनों से भी मुलाकात की और उनके साथ बैठकर नारियल पानी पिया. परिजनों ने भी अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में उन्हें बताया और मदद करने की बात कही. सूत्रों की मानें तो दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी ने बोधगया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई. राहुल गांधी के दशरथ नगर गांव पहुंचने पर गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया गया. इसके बाद वो गहलोर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने दशरथ मांझी के मूर्ति पर माल्यार्पण किया. इसके बाद भागीरथ मांझी को अपने साथ लेकर राजगीर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए.
राहुल गांधी ने नालंदा में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार, जिसे कभी शांति और न्याय की भूमि माना जाता था, अब भारत की आपराधिक राजधानी में तब्दील हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रुकवाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर चुप हैं. मैं संविधान को बचाने की खातिर जाति जनगणना के लिए लड़ रहा हूं. उन्होंने कहा कि सरकार के जाति जनगणना को ठीक से कराने को लेकर संदेह है, क्योंकि प्रश्नावली को अंतिम रूप देने वालों में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और आदिवासी समुदाय का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं है.
उन्हें सरेंडर करने की आदत है
राजगीर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, मेरा लक्ष्य जाति जनगणना है. लोकसभा में पीएम मोदी के सामने मैंने उनसे कहा कि जाति जनगणना होगी. आप जानते हैं कि उन्हें सरेंडर करने की आदत है. ट्रंप ने 11 बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि उन्होंने नरेंद्र मोदी को सरेंडर करवाया है लेकिन नरेंद्र मोदी एक शब्द भी नहीं बोल सकते क्योंकि यह सच है. वो कभी भी वास्तविक जाति जनगणना नहीं करवाएंगे क्योंकि जिस दिन वो इसे करवाएंगे, उनकी राजनीति खत्म हो जाएगी.
जातिगत जनगणना के दो मॉडल
उन्होंने कहा, जातिगत जनगणना के दो मॉडल हैं. एक बीजेपी वाला मॉडल और दूसरा तेलंगाना का मॉडल. बीजेपी के मॉडल में बंद कमरे में अफसरों ने सवाल तय किए, जिनमें 90% का कोई नहीं था. जातिगत जनगणना में सबसे जरूरी ये है कि कौन से सवाल पूछे जा रहे हैं. वहीं, हमने तेलंगाना में जनता से खुले तौर पर सवाल पूछे. हमने दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और उनके एसोसिएशन से कहा कि हम जातिगत जनगणना करवाने जा रहे हैं- आप कैसे सवाल चाहते हैं?
