बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को चुनाव आयोग ने दो वोटर आईडी कार्ड के मामले में नोटिस भेजा है। अब तेजस्वी यादव के बचाव ने पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग क्या है? चुनाव आयुक्त बीजेपी का प्रवक्ता है, जो आदेश बीजेपी देती है, वहीं चुनाव आयोग करता है। बीजेपी के कहने पर चुनाव आयोग नोटिस भेज देता है। पप्पू यादव ने सवाल पूछते हुए कहा कि चुनाव आयोग पहले बताए कि कितने लोगों का नाम काटा गया है। इस दौरान पप्पू यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 8 अगस्त को होने वाले सीतामढ़ी दौरे को लेकर भी तंज किया। पप्पू यादव ने कहा कि जब चुनाव होता है तो इन लोगों को धर्म याद आ जाता है।
चुनाव आते ही बीजेपी वालों को धर्म याद आ जाता है: पप्पू यादव
पुनौरा धाम में 8 अगस्त को माता सीता के मंदिर का शिलान्यास होना है। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह आ रहे हैं। इस पर पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि यह सीता मैया को लेकर यात्रा नहीं है, यह चुनाव की यात्रा है। चुनाव होता है बीजेपी वालों को धर्म याद आ जाता है। चुनाव खत्म होता है तो इनको धर्म भी याद नहीं रहता है। पप्पू यादव ने कहा कि यह ना तो सनातन के हैं, ना राम के है।
तेजस्वी को नोटिस भेजना बिल्कुल गलत: पूर्णिया सांसद
सांसद पप्पू यादव ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव आयोग क्या अलादीन का चिराग है? उससे जो कहो वो पूरा कर देगा। उन्होंने कहा कि ‘चुनाव आयोग BJP के इशारे पर काम कर रहा है। BJP और मोदी जी भ्रम फैला रहे हैं। चुनाव आयोग अपने आप में एक ‘संदिग्ध आयोग’ है। चुनाव आयोग ने बीजेपी के कहने पर तेजस्वी को जो नोटिस भेजा है, वो बिल्कुल गलत है। कभी-कभी आदमी की जुबान से कुछ मिस टंग हो जाता है।’
राहुल गांधी कब आ रहे हैं बिहार?
इस दौरान पप्पू यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे भी की जानकारी दी। पप्पू यादव ने कहा कि राहुल गांधी और अन्य नेता 10 अगस्त से बिहार का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी बिहार में तेजस्वी यादव के साथ यात्रा करेंगे। हम लोग गरीबों की आवाज बनकर सड़कों पर उतर रहे हैं। कई स्थानों पर हम भी राहुल गांधी जी के साथ रहेंगे। गरीबों की आवाज किसी हालत में दबने नहीं देंगे। गरीबों को वोट से वंचित नहीं होने देंगे।’
इस बयानबाजी में पप्पू यादव ने चेतावनी दी कि चुनाव के वक्त धार्मिक मुद्दों को उछालना सिर्फ वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है, जबकि चुनाव खत्म होते ही ये नेता उन मुद्दों को भूल जाते हैं। इस तरह वे अमित शाह के सीतामढ़ी दौरे को सीधे चुनाव से जुड़ा बताते हैं और चुनाव आयोग की भूमिका पर भी कड़ी आलोचना करते हैं
