मिथिला में चौरचन पूना व हरितालिका तीज का त्योहार श्रद्धा व भक्तिभाव से मनाने की परंपरा है। इस बार तीज व चौरचन दोनों की मंगलवार को मनाया जा रहा है। हालांकि भाद्रपद तृतीया के दिन तीन व चतुर्थी के दिन चंद्रोदय पर चौरचन मनाया जाता है। इधर, उदया तिथि के अनुसार इस बार तीज भी मंगलवार को ही मनाया जाएगा। तीज पर्न महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए भगवान शिव, पार्वती व गणेश की पूजा करती है, पंडित वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि इस अवसर पर महिलाएं रात्रि जागरण कर गीत-संगीत के बीच माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करेंगी। चौरचन पर्व में स्त्री और पुरुष दोनों समान रूप से मनाते हैं। पंचांग अनुसार चौरचन पूजा पर्व भादो शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। ये तिथि इस बार 26 अगस्त दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर तृतीया संपन्न होने के बाद शुरू होगा। इसलिए संध्याकाल में चंद्रोदय पर चंद्रमा को परंपरा के अनुसार अर्घ्य दिया जाएगा।
पंचांग के अनुसार तीज व चौठचंद्र व्र मंगलवार को, जमकर हुई खरीदारी हरितालिका तीज की तृतीया तिथि 25 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी औन तिथि का समापन 26 अगस्त को दोपहर 1 बज 54 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, हरितालिका तीज इस बार 26 अगस्त मंगलवार को ही मनाई जाएगी। वहीं इसके बाद चतुर्थी तिि प्रारंभ होगी, लेकिन बुधवार को संध्या में चंद्रोदय के समय पंचमी तिथि रहेगा। इसलिए चौरचन में मंगलवार को ही मनायी जाएगी। हरितालिका तीज का पूजन सुबह के समय किया जाता है, जिसका मुहूर्त सुबह 5 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगा और समापन सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर होगा जिसकी कल अवधि 2 घंटे 35 मिनट की होगी
हरतालिका तीज पूजन विधि
हरतालिका तीज पर संकल्प लेकर निर्जल उपवास रखें और अगर सेहत ठीक नहीं है तो फलाहार भी कर सकते हैं. फिर, इस दिन शाम को भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त उपासना करें. साथ ही, स्त्रियों को संपूर्ण श्रृंगार करना चाहिए. फिर, मां पार्वती को सौभाग्य का सारा सामान अर्पित करें और माता से अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें. इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपनी सास को सौभाग्य की वस्तुएं दें. शाम को भगवान शिव-माता पार्वती की संयुक्त पूजा के बाद इस व्रत का पारायण करें.
हरतालिका तीज पूजन मुहूर्त
वैसे तो इस दिन कभी भी हरतालिका पूजन किया जा सकता है. लेकिन, इस दिन प्रात: और प्रदोष काल में भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा कल्याणकारी है. इस बार पूजा का सही मुहूर्त प्रात:काल 5 बजकर 56 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा.
व्रत को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है। वस्त्र, आभूषण और श्रृंगार सामग्री की खरीदारी के लिए दुकानों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। शहर में जाम के स्थिति उत्पन हो रही है। चौक चौराहों से लेकर बाजार दुकानों तक खरीदारों की भीड़ लगी है। इस अवसर पर जहां कपड़ा व श्रृंगार के दुकानों में भीड़ लगी है, वहीं पूजा सामग्री के लिए दुकान से लेकर चौक चौराहों पर सभी दुकानों से व्रती व श्रद्धालु खरीदारी कर रहे हैं। तीज को लेकर छोटी डलिया की मांग बढ़ गई है। बाजार में छोटी डलिया भी 80 रुपये जोड़े मिल रहे हैं। इसके साथ ही फल के बाजार में उछाल देखा जा रहा है। केला 80 रुपये दर्जन तक पहुंच गया है। खीरा 60 से 80 रुपये किलो बिका।
