बड़ी खबर राजधानी पटना से आ रही है, जहां नौबतपुर के तरेत पाली गांव में आयोजित हनुमंत कथा के दौरान करीब 15 लोगों की तबीयत बिगड़ गई। एक के बाद एक 15 लोगों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें भीड़ से अलग किया गया। भारी भीड़ और गर्मी के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। कोई अनहोनी न हो इसको लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को बीच में ही हनुमत कथा को समाप्त करना पड़ा।
दरअसल, पटना के नौबतपुर स्थित तरेत पाली गांव में 13 से 17 मई तक हनुमंत कथा का आयोजन किया जा रहा है। बागेश्वर धाम के कथा वाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री लाखों लोगों के बीच हनुमंत कथा सुना रहे हैं। रविवार के कारण हनुमंत कथा के दूसरे दिन आज कार्यक्रम में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भीषण गर्मी में बड़ी संख्या में लोग हनुमंत कथा सुन रहे थे। इसी दौरान वहां उड़ रही धूल और गर्मी के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
सांस लेने में हो रही परेशानी के कारण कार्यक्रम में मौजूद करीब 15 लोगों की तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में सभी लोगों को भीड़ से अलग कर एक जगह बैठाया गया। लोगों की तबीयत बिगड़ती देख बाबा बागेश्वर अपनी गद्दी छोड़कर नीचे उतर गए और दूसरे दिन की हनुमंत कथा को कार्यक्रम शुरू होने के महज 15 से 20 मिनट के बाद ही खत्म कर दिया और लोगों से अपने घर लौट जाने की अपील की।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से कहा कि बड़ी संख्या में भक्त कथा सुनने के लिए पहुंचे हैं। कल दिव्य दरबार है लेकिन बढ़ती भीड़ के कारण उसे स्थगित करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कथा सभी के कल्याण के लिए है। डर है कि भीड़ और गर्मी के कारण कोई अनहोनी न हो जाए। कथा 17 मई तक चलती रहेगी लेकिन दिव्य दरबार अगली बार जब आएंगे तो लगाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे टीवी और अन्य माध्यमों से हनुमंत कथा सुने और उनके कार्यक्रम में कथा सुनने के लिए नहीं आएं। इसके बाद उन्होंने दो घंटे तक चलने वाली हनुमंत कथा को आधे घंटे के भीतर ही रोक दिया और वहां से होटल के लिए रवाना हो गए।