पटना. भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ बिहार में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो लगातार एक्शन मोड में है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने बुधवार को जब पूर्णिया के सब रजिस्ट्रार उर्मिलेश प्रसाद सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की तब भ्रष्टाचार की नई गाथा उजागर हुई. आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने पटना से लेकर पूर्णिया तक भ्रष्ट अधिकारी के ठिकानों पर दबिश दी.
पटना और पूर्णिया स्थित घर और कार्यालय की तलाशी में निगरानी को भारी मात्रा में नकद और सोने-चांदी के जेवरात के साथ निवेश के सबूत मिले हैं. छापेमारी में अबतक 150 प्रतिशत आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का खुलासा हुआ है. निगरानी के मुताबिक उर्मिलेश प्रसाद सिंह मूलत: रोहतास के बिक्रमगंज स्थित मानी गांव के बसींदा हैं. जांच में आय से 1 करोड़ 11 लाख 30 हजार 835 रुपए अधिक की संपत्ति पाए जाने के बाद निगरानी ने अपने ही थाने में 12 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज किया था.
पटना के राजीवनगर स्थित केशरीनगर के भव्य और आलीशान मकान और पूर्णिया के सरकरी आवास के साथ ही कार्यालय में भी बुधवार को छापेमारी की गई. इस दौरान पूर्णिया में 4 लाख 25 हजार और पटना आवास से 12 लाख 80 हजार रुपए नकद बरामद हुए, वहीं 343 ग्राम सोना जबकि 428 ग्राम चांदी के जेवरात मिले, जिसकी कीमत 18 लाख रुपए बताई जाती है. उमेश सिंह के बैंकों में 19 खातों के अलावा एलआईसी और बजाज फाइनांस में 8 पॉलिसी में निवेश के भी साक्ष्य मिले हैं.
उर्मिलेश प्रसाद सिंह के एक बैंक खाते में 22 लाख रुपए जमा मिला है. सब-रजिस्ट्रार की पत्नी के नाम पर जमीन के कुल सात प्लॉट मिले हैं. इनमें केशरीनगर स्थित जमीन पर चार मंजिला मकान बना है. निगरानी ब्यूरो की टीम जब तलाशी लेने पहुंची तो मकान की अंदरुनी साज-सज्जा को देखकर पूरी टीम हैरान रह गई. तरह-तरह के फॉल्स सीलिंग, टाइल्स, मार्बल के अलावा किचेन और बाथरूम तक में विलासिता के महंगे सामान लगाए गए हैं. स्थिति यह थी कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम को यकीन नहीं हो रहा था कि सब रजिस्टार के यहां केवल 12 लाख 80 हजार रुपए ही मिलेंगे. इसलिए पूरी टीम ने कई बार घर को खंगाला.