बिहार विधानसभा चुनाव भले ही बिहार में होने हैं, लेकिन तैयारियां राजस्थान में जोरों पर हैं. भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत प्रचार के लिए राजस्थान से नेताओं की टोलियां बिहार भेजनी शुरू कर दी हैं. सबसे पहले महिला नेताओं की एक टीम को चुनाव प्रचार के लिए रवाना किया गया है. यह टीम बिहार के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क करेगी.
17 सदस्यीय महिला टीम पहुंची बिहार
राजस्थान भाजपा की 17 महिला नेताओं और कार्यकर्ताओं की पहली टोली बिहार पहुंच चुकी है. यह महिलाएं दस दिनों तक पटना, भागलपुर, लहरियासराय जैसे क्षेत्रों में प्रचार करेंगी. खास बात यह है कि इन क्षेत्रों में मारवाड़ी समुदाय की अच्छी खासी आबादी है. राजस्थान से गई ये महिलाएं मारवाड़ी समाज से ताल्लुक रखती हैं, जिससे प्रवासी वोटर्स से संवाद बनाना आसान होगा.
स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर करेंगी जनसंपर्क
भाजपा की ये महिला कार्यकर्ता बिहार में स्थानीय नेताओं और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर लोगों से सीधा संवाद करेंगी. जनसंपर्क अभियान के दौरान वे पार्टी की नीतियों और नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाएंगी.
वरिष्ठ नेताओं की जनसभाएं भी होंगी आयोजित
जिन विधानसभा क्षेत्रों में मारवाड़ी वोटर्स की संख्या अधिक है, वहां भाजपा की योजना है कि राजस्थान के वरिष्ठ नेता जाकर जनसभाएं करें. इससे स्थानीय समाज पर प्रभाव बढ़ेगा और प्रवासी वोटरों को पार्टी से जोड़ने में मदद मिलेगी.
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान से जोड़ा प्रचार
भाजपा की यह रणनीति ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान के तहत भी देखी जा रही है. इस अभियान का मकसद विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों को जोड़ना बताया जा रहा है, लेकिन इसके जरिए चुनावी फायदा लेने की कोशिश भी की जा रही है. नेता सुमन शर्मा ने कहा कि राजस्थान में रह रहे पांच से आठ लाख बिहारी प्रवासियों से संपर्क कर यह जानकारी ली जा रही है कि उनका वोट बिहार के किस विधानसभा क्षेत्र में है.
दोनों राज्यों के बीच मजबूत संबंध बनाने की कोशिश
राजस्थान और बिहार के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में भाजपा काम कर रही है. राजस्थान में रह रहे बिहारी प्रवासी न केवल वहां की इकॉनोमी को मजबूत कर रहे हैं बल्कि सामाजिक सौहार्द का भी उदाहरण बन रहे हैं. यही संपर्क भाजपा को बिहार चुनाव में लाभ दिला सकता है.
मतदान तक जारी रहेगा प्रचार
यह महिला टोली केवल शुरुआत है. आने वाले दिनों में भाजपा के अन्य वर्गों के नेताओं को भी बिहार भेजा जाएगा. चरणबद्ध तरीके से प्रचार अभियान जारी रहेगा. हर सप्ताह नई टीम भेजने की योजना है, ताकि जमीन पर लगातार उपस्थिति बनी रहे.
भाजपा की यह रणनीति कितनी सफल होती है, यह तो आने वाला चुनावी परिणाम बताएगा. लेकिन फिलहाल पार्टी ने प्रचार के लिए एक सधा हुआ मॉडल तैयार किया है, जिसमें जातीय समीकरण, प्रवासी वोटर्स और सांस्कृतिक जुड़ाव सभी को शामिल किया गया है.
