सीतामढ़ी के पूर्व सांसद अर्जुन राय ने सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर पद की गरिमा को गिरा रहे हैं। उन्होंने अपने महागठबंधन के नेताओं को संवैधानिक पद पर रहते हुए अंधा और कौवा कहा जो की शर्मनाक बयान है। इसके लिए उन्हें सार्वजनिक मंच से महागठबंधन के नेताओं से माफी मांगनी चाहिए।
अर्जुन राय ने कहा कि ठाकुर को सीतामढ़ी की जनता को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी की जनता एक मजबूत नेता चाहती है, जो उनके हक और अधिकारों की लड़ाई लड़ सके। उन्होंने कहा कि ठाकुर एक ऐसे नेता नहीं हैं जो सीतामढ़ी की जनता के लिए कुछ कर सकें।
अर्जुन राय ने आगे कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर ने अपने 4 चुनाव मिलाकर 16 हजार वोट हासिल किए हैं जबकि मैं हारकर भी पिछली बार 3 लाख वोट लाया था। उन्होंने देवेश चंद्र ठाकुर पर हमला बोलते हुए कहा कि मेरे प्रत्याशी बनने पर उन्होंने विरोध करने एवं बगावत करने की बात कही थी तो मैं उनकी औकात जानता हूं। वह मेरा विरोध करके मेरा 100 से अधिक वोट खराब नहीं कर सकते।
बता दें कि दो दिन पूर्व देवेश चंद्र ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और खुले तौर पर अर्जुन राय को सांसद प्रत्याशी बनाए जाने पर विरोध करने और बगावत की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सारे अंधे मिलकर लीडरशिप चाहते हैं। इसके बाद से यह पूरा विवाद शुरू हुआ था। सीतामढ़ी लोकसभा सीट को लेकर देवेश चंद्र ठाकुर ने बताया था कि उन्हें महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाया गया है और उसकी वह तैयारी कर रहे हैं। इसको लेकर महागठबंधन के नेताओं ने अति पिछड़ा को सीतामढ़ी लोकसभा से उम्मीदवार बनाने की मांग की थी।
यह देखना होगा कि महागठबंधन में इस कलह का क्या असर होता है। क्या देवेश चंद्र ठाकुर चुनाव लड़ते हैं या फिर अर्जुन राय का विरोध झेलने को तैयार रहते हैं?