पटना : खबर है कि नितिन गडकरी ने बिहार में रामायण सर्किट के लिए राम जानकी मार्ग को 4-लेन मानकों के अनुरूप विकसित करने के संबंध में स्वीकृति प्रदान की है। बिहार सरकार की ओर से इस फंड के लिए आभार जताया है। बिहार राज्य में राम जानकी मार्ग उत्तर प्रदेश सीमा पर अवस्थित मेहरौना से प्रारम्भ होकर सीतामढ़ी जिले में नेपाल के अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर अपस्थित भिठठा मोड़ तक जाती है, जिसकी लम्बाई लगभग 240 कि०मी० है।
बिहार के वैशाली, समस्तीपुर और बेगूसराय जिलों में NH-122B के हाजीपुर-महनार-बछवाड़ा खंड के पूर्व-निर्माण और महनार से बछवारा खंड के 2-लेन में सुधार के लिए ₹ 624.43 Cr. बजट के साथ स्वीकृति दी गई है। यह जानकारी उन्होंने ट्वीट कर साझा की है।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पत्र में कहा है कि राम जानकी मार्ग धार्मिक महत्व एवं पथ निर्माण विभाग, बिहार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए इस राजमार्ग को बिहार राज्य के पथांश को 4-लेन किया जाएगा। इस आशय के संबंध में बिहार सरकार, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने मंत्री, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया और बताया कि बिहार राज्य में राम जानकी मार्ग उत्तर प्रदेश सीमा पर अवस्थित मेहरौना से प्रारम्भ होकर सीतामढ़ी जिले में नेपाल के अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर अपस्थित भिठठा मोड़ तक जाती है, जिसकी लम्बाई लगभग 240 कि०मी० है।
प्रधानमंत्री पैकेज बिहार-2015 के अन्तर्गत इस पथ के 200 कि०मी० भाग को 4-लेन सड़क में विकसित करने का कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सिवान से मसरख, सत्तर घाट होते हुए चकिया तक सड़क निर्माण हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कराया जा रहा है।
मेहरौना से सिवान तक लगभग 40 कि०मी० लम्बाई में 4-लेन सड़क निर्माण हेतु मार्गरेखन अनुमोदित किया जा चुका है और भू-अर्जन का कार्य प्रगति पर है, शेष बचे 200 कि०मी० में से 52 कि०मी० लम्बे सिवान-मसरख पथांश को ही 4-लेन सड़क में विकसित करने हेतु भू-अर्जन किया गया है। शेष 31 कि०मी० लम्बे राजा पटटी –फैजुल्लापुर (8 कि०मी०) एवं केसरिया-चकिया (23 कि०मी०) पथांश को पेभ्ड सोल्डर के साथ 2-लेन सड़क में विकसित करने हेतु भू-अर्जन कार्य प्रगति पर है। चकिया-शिवहर-सीतामढ़ी-भिटठा मोड़ पथांश हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जाना है।
गडकरी के कहा है कि 240 कि०मी० पथ में सिर्फ 90 कि०मी० ही 4-लेन मानक के अनुरूप है एवं शेष 150 कि०मी० 2-लेन सड़क के रूप में प्रस्तावित है तथा भारत सरकार से 150 कि०मी० को 4-लेन किये जाने का प्रस्ताव दिया गया था।
विदित हो कि राष्ट्रीय उच्च पथ सं० 227 ए के मार्गरेखन पर राज्य सरकार द्वारा सत्तर घाट में गंडक नदी पर 2-लेन पुल एवं पहुँच पथ का निर्माण कार्य अपने संसाधनों से किया जा चुका है। विगत वर्ष 2019 में गंडक नदी में बाढ़ के दौरान इस पुल का पहुँच पथ क्षतिग्रस्त हो गया था और कुल 948 मी० अतिरिक्त वाटर-वे का प्रावधान करते हुए वर्तमान एजेंसी से उनके मूल कार्य के अतिरिक्त कार्य के अन्तर्गत कराया जा रहा है। चूँकि वर्तमान में यह राष्ट्रीय उच्च पथ घोषित है अत: बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा व्यय की गई राशि को उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार को अनुरोध किया गया है।
नितिन गडकरी ने बताया कि राम जानकी मार्ग परियोजना के महत्व एवं प्रधानमंत्री पैकेज के स्वीकृति के अनुरूप मसरख से चकिया एवं चकिया-शिवहर-सीतामढ़ी-भिटठा मोड़ तक सम्पूर्ण पथांश को 4-लेन मानकों के अनुरूप विकसित करने की स्वीकृति प्राप्त होने से राज्य की सड़क संरचना राष्ट्रीय स्तर के अनुरूप होगी।