बिहार में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर बने गतिरोध को खत्म करने का काम तेज हो चुका है. इसी सिलसिले में बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने पटना में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू और तेजस्वी यादव से मुलाकात की. मुलाकात घंटेभर तक चली. मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा कि हमारी अच्छी बात हुई है. कल गुरुवार को सब कुछ साफ हो जाएगा. हालांकि 5 से 7 सीटों पर फ्रेंडली मुकाबला हो सकता है.
विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी पर्यवेक्षक गहलोत ने कहा, “लालू यादव और तेजस्वी यादव से हमारी अच्छी बातचीत हुई. कल महागठबंधन का प्रेस कॉन्फ्रेंस है और सब कुछ साफ हो जाएगा. हम एनडीए के खिलाफ मजबूती से चुनाव लड़ने वाले हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मिलकर चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे.
हम मिलकर प्रचार करेंगेः गहलोत
बिहार में फ्रेंडली फाइट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, “बिहार में 243 सीटें हैं और कभी-कभी 5-7 सीटों पर फ्रेंडली मुकाबला हो सकता है. हम साथ मिलकर प्रचार करेंगे और चुनाव भी जीतेंगे.”
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी दलों के महागठबंधन के भीतर जारी चर्चाओं के बीच कांग्रेस ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि गठबंधन पूरी तरह एकजुट है और जल्द सभी भ्रम समाप्त हो जाएंगे.
कुछ सीटों पर फ्रेंडली जंग बड़ी बात नहींः गहलोत
इससे पहले अशोक गहलोत ने कहा था, “तमाम काम बहुत अच्छे से चल रहे हैं. एक-दो दिन में जो भी भ्रम की स्थिति है, वह पूरी तरह दूर हो जाएगा.” उन्होंने बैठक से पहले भी दावा किया था कि 243 विधानसभा सीटों में से कुछ पर फ्रेंडली मुकाबले की स्थिति बन सकती है, लेकिन उन्होंने इसे किसी बड़े विवाद के रूप में मानने से मना कर दिया.
उन्होंने कहा, “कभी-कभी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह होता है, स्थानीय परिस्थितियों के चलते कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं. इसे महागठबंधन की कमजोरी नहीं बल्कि लोकतांत्रिक जोश के रूप में देखा जाना चाहिए.”
सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में जंग
बिहार में महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, विकासशील इंसान पार्टी और वामदलों के बीच जारी आंतरिक मतभेद के चलते महागठबंधन के घटक दल राज्य की कम से कम 11 विधानसभा सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं.
राज्य के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने भी कहा, “बिहार में 243 सीटों पर मुकाबला है और यह लड़ाई सीधे तौर पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ है. यह सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं बल्कि बिहार की जनता और उनके बच्चों के भविष्य की लड़ाई है.” उन्होंने उम्मीद जताई कि महागठबंधन इस बार बिहार में बदलाव की बयार लाएगा.
