बिहार के वैशाली जिले से गोरौल प्रखंड क्षेत्र प्रशासनिक उदासीनता का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यह मामला एक उत्क्रमित विद्यालय से जुड़ा हुआ है. स्कूल जिस जमीन पर बना है वह जमीन 60 साल पहले एक शख्स ने दान में दी. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते जमीन को अभी भी सरकार के नाम नहीं कराया जा सका. वहीं जिस शख्स ने जमीन दान में दी थी उसके परिवार के लोगों ने स्कूल में ताला जड़ दिया. वहीं स्कूल से जुड़े अध्यापकों और छात्रों के सामने समस्या उत्पन्न हो गई.
पूरा मामला वैशाली जिले के गोरौल प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय भटौलिया का है. जमीन मालिक का आरोप है कि 60 साल पहले उनके पूर्वजों ने जमीन स्कूल को दान दी थी, लेकिन विभाग ने अभी तक जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवाया. जमीन मालिक ने स्थानीय सीओ पर आरोप लगाया कि हम लोग करोड़ो की जमीन आज भी देने को तैयार हैं लेकिन बगैर पैसे के एनओसी देने को तैयार नहीं है. जिस कारण स्कूल का भवन नहीं बन पा रहा है.
बच्चों को सड़क पर पढ़ाया
ऐसे में जब बच्चे स्कूल के अंदर भी खुले आसमान के नीचे ही बैठते है तो अब सड़क पर बैठे. वहीं स्कूल के प्राचार्य ने कहा कि सुबह स्कूल में ताला लगा था और जमीन मालिक ने स्कूल का बेंच निकाल कर सड़क पर रख दिया था. ऐसे में हमलोग सड़क पर आ गए हैं, इसलिए बच्चों को यहीं पढ़ा रहे है. हालांकि अध्यापकों ने कहा कि मामले की जानकारी सीनियर अधिकारियों को दी गई है.
स्कूल में ताला लगाने पर क्या बोले टीचर्स
स्कूल में ताला लगाए जाने की जानकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारिंयों को दी गई है. स्कूल में ताला लगने के बाद अब प्रशासन की लापरवाही को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. देखना होगा कि स्कूल का ताला खुलता है या फिर बच्चे सड़क पर बैठ कर ही पढ़ते हैं.
