टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर और धाकड़ बल्लेबाज ऋषभ पंत की गाड़ी का आज सुबह रुड़की के पास एक्सीडेंट हो गया। हादसा इतना भयंकर था कि ऋषभ की गाड़ी धूं-धूं कर जलने लगी। बुरी तरह से चोटिल ऋषभ जान बचाने के लिए गाड़ी का शीशा तोड़ा और जैसे-तैसे खुद को बाहर निकला। हादसे के बाद पंत की मदद के लिए सबसे पहले एक सुशील कुमार नाम के बस ड्राइवर पहुंचे थे। उन्होंने ही पंत को उठाया और एंबुलेंस को बुलाकर अस्पताल भिजवाया।
सुशील कुमार ने बताया कि खून से लथपथ पंत सड़क किनारे पड़े थे। जब मैं उनके पास पहुंचा तो उन्होंने ही बताया कि वो क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं। फिलहाल पंत देहरादून के मैक्स अस्पताल में हैं। उनकी देख रेख के लिए उनकी मां उनके साथ हैं। बीसीसीआई की तरफ से जो बयान दिया गया है उसके मुताबिक ऋषभ के हाथ, पैर, पैर के अंगूठे और सिर पर चोट आई हैं। उनके सिर में दो कट लगे हैं। इसके अलावा पंत की पीठ पर भी गंभीर चोटें आई हैं।
क्या बताया बस ड्राइवर सुशील कुमार ने
न्यूज चैनलों से बात करते हुए सुशील कुमार ने बताया, ‘मैं हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर हूं। मैं हरिद्वार से आ रहा था। अभी हम नारसन के पास पहुंचे थे कि दिल्ली की तरफ से आ रही करीब 60 की स्पीड से कार डिवाइडर से टकरा गई। टक्कर इतना भयंकर था कि कार डिवाइडर तोड़ते हुए हरिद्वार वाली लाइन में आ गई। मैंने बस रोकी और फौरन कार के पहुंचा।’
सुशील ने बताया कि मैंने देखा एक युवक जमीन पर पड़ा है। मुझे तो ऐसा लगा कि वो बचेगा नहीं। कार से आग की लपटें निकल रही थीं। हमने उसे उठाया और कार से दूर किया। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे, तो हमने अपनी चादर में उसे लपेट दिया।’ सुशील ने आगे बताया कि उसी ने हमें कहा कि वो क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं।
पैसे इकट्ठे कर भेजा अस्पताल
सुशील कुमार ने बताया कि ‘ऋषभ पंत ने उनसे कहा कि उनके पैसे गिर गए हैं। हमने फौरन आसपास गिरे उन्हीं के करीब 8 हजार रुपए उठाए और उन्हें दे दिया। इस दौरान मेरे कंडक्टर ने एंबुलेंस को फोन किया। वो (पंत) खून से लथपथ था और लंगड़ाकर चल रहा था।