बिहार के कटिहार की बेटी श्रेया कुमारी ने इंटरमीडिएट कला संकाय में 94.2% अंक प्राप्त कर पूरे सूबे में दूसरा स्थान प्राप्त कर अपने जिले का नाम रोशन किया है। श्रेया कटिहार नगर थाना क्षेत्र की लड़कियां टोला की निवासी हैं और उमा देवी मिश्रा बालिका प्लस टू स्कूल की छात्रा हैं। श्रेया कुमारी की सफलता पर उनके परिजन काफी खुश हैं।
श्रेया ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई स्थानीय DPS 7वीं से आगे की पढ़ाई शारदा मिशन स्कूल से प्रारंभ कर 10वीं की पढ़ाई जिले के SBP विद्या बिहार से पूर्ण की है। इसमें वह 94.2% अंक प्राप्त कर अव्वल रही। 11वीं के लिए वह केंद्रीय विद्यालय में आवेदन दी थी, लेकिन सीट फुल होने की वजह से उनका नामांकन नहीं हो पाया। इसलिए उन्होंने उमा देवी मिश्रा बालिका प्लस टू स्कूल में कला संकाय में नामांकन लिया।
सेल्फ स्टडी कर प्राप्त की सफलता
श्रेया बताती हैं कि कोविड महामारी के दौरान स्कूल की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई। नियमित रूप से वर्ग का संचालन नहीं हो पाया, इसलिए उसने अपने घर में ही सेल्फ स्टडी पर निर्भर होकर सफलता अर्जित की है।
राजनीति विज्ञान, राष्ट्रभाषा हिंदी, सोशियोलॉजी, भूगोल एवं अंग्रेजी विषय में काफी रुचि रही है। राजनीति विज्ञान में काफी रूचि रहने के कारण आगे इसी विषय से ऑनर्स करने की इच्छा है।
बोर्ड ने इंटरव्यू में पूछे कई बेसिक सवाल
बिहार बोर्ड ने 13 मार्च को इंटरव्यू आयोजित किया। इसमें श्रेया से कई बेसिक सवाल पूछे। श्रेया ने बताया कि उसका इंटरव्यू इंग्लिश में चला था। सबसे पहले इंट्रोडक्शन हुआ। माय फेवरेट सब्जेक्ट पर निबंध भी लिखना था। हिंदी और इंग्लिश में।
उसके बाद फिर अलग-अलग सब्जेक्ट के टीचर ने सवाल पूछा। पूछा गया कि कटिहार के जूट मिल के बारे में बताओ। वहां सिचुएटेड है या नहीं है। दूसरा हिंदी में विभिन्न लेखक एवं उनके आलेख के बारे में पूछा गया।
मुझसे संपूर्ण क्रांति के बारे में सवाल किए गए। पटना स्थित गांधी मैदान के बारे में, उसके बाद इंग्लिश से भी कुछ बेसिक इंट्रोडक्टरी बारे में पूछा गया। पॉलिटिकल में मुझे नॉन एलाइनमेंट मूवमेंट, फादर ऑफ सोशियोलॉजी कौन हैं और इसके बारे में डिस्कशन हुआ।
10 साल पूर्व हो गया था माता-पिता में अनबन
श्रेया मूल रूप से दलसिंहसराय की रहने वाली हैं, लेकिन श्रेया का लालन-पालन बचपन से ही लड़कनिया मोहल्ला वार्ड नंबर 18 स्थित ननिहाल में नाना स्वर्गीय लक्ष्मी दास, मामा अर्जुन दास, विजय दास और बैजनाथ दास के यहां बड़े ही प्यार से हुआ। मां अनीता देवी श्रेया की सब कुछ हैं एवं बड़ा भाई जो NIT जमशेदपुर से बीटेक कर रहा है।
10 साल पूर्व परिवार में किसी बात को लेकर श्रेया की मां अनीता देवी एवं पिता विनोद गुप्ता में अनबन हो गया। अनबन इतना बढ़ गया कि पिता गांव छोड़कर हरियाणा में जाकर वहीं के होकर रह गए। उन्होंने आज तक कभी भी अपनी पत्नी एवं अपने बाल-बच्चों की खोज खबर नहीं ली। तीन मामा ने ही उसका भरण-पोषण किया।