मधुबनी जिले में आजादी के 75 वें वर्षगांठ के अमृत महोत्सव के अवसर पर विज्ञान एवं प्रोवैदिक मंत्रालय भारत सरकार ने मधुबनी जिले के अरेर गांव निवासी डा.गोपालजी झा को पचास युवा वैज्ञानिक की सूची में शामिल किया है।देश में युवा वैज्ञानिकों की क्षमता एवं उनके द्वारा किए गए अनुसंधान के आधार पर विज्ञान एवं प्रोवैदिकी मंत्री डा.जितेन्द्र सिंह ने चयनित किया है।
डा.झा को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर युवा पीढ़ी के वैज्ञानिक का दर्जा मिलने से प्रदेश सहित जिले का नाम रौशन किया है।डा. झा गांव में रहकर बच्चा झा जनता हाई स्कूल अरेर से मैट्रिक,इंटरमीडिएट विज्ञान जेएन काँलेज मधुबनी एवं गुरुनानक काँलेज अमृतसर से बीएससी एवं एमएससी बायोटेक्नोलॉजी विषय से दिल्ली विश्वविद्यालय से गोल्डमेडलिस्ट एवं पीएचडी किया।वर्तमान में नेशनल इन्सटीट्यूट आँफ जिनोम रिसर्च में वैज्ञानिक हैं।इन्होंने पलांट पेथोजेन के जरिये धान में सीथ ब्लाइट एवं टमाटर में रेक्टोनिया बैक्टीरिया का फफूंद से इलाज एवं प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि का शोध कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि जो फफूंद पौधे के लिए जानलेवा साबित होता था उससे वह पौधे के रोग दूर करने तथा स्वस्थ अनाज व फल प्राप्त करने में विश्वस्तर पर पहचान बनाया है।इन्होंने अपने शोध के आधार पर चार पुस्तक भी प्रकाशित किया है। पुस्तक मेला में इनके वैज्ञानिक शोध से संबंधित पुस्तको की विक्री काफी हुई है।देश के उच्च कोटि के वैज्ञानिक डा.लालजी सिंह,डा.जी.तलवार एवं प्रो.एसके.सूपौरी एवं डा.रमेश.सोंन्टी के साथ प्रोटीन वाइरस से पौधे का उपचार एवं राइजोबियम माइक्रोव्स आदि बायोटेक्नोलॉजी में बहुत ही बेहतरीन शोध कार्य किया है। बिहार मधुबनी से राजीव कुमार झा की रिपोर्ट