सीतामढ़ी जिले के बैरगनिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे छटपटा रहे मरीज को इमरजेंसी के वक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैरगनिया से एम्बुलेंस नहीं मिलने पर सीमा पार नेपाल ने दोस्ती का फर्ज निभाते हुए उक्त मरीज के लिए एंबुलेंस दिया। एंबुलेंस ने छटपटा रहे मरीज को सीतामढ़ी सदर अस्पताल पहुंचाया। बताते चले की सोमवार को दोपहर में ट्रेन नम्बर-22552 डाउन अंतोदय एक्सप्रेस गाड़ी जो रक्सौल से बैरगनिया होते दरभंगा जा रही थी उसमें सवार सीमा पार नेपाल के पुरनवा गांव निवासी रामाशीष साह के पुत्र अवधेश साह रक्सौल में चढ़ गये कि बैरगनिया उतर कर अपने घर चला जाऊंगा ।
परंतु उक्त गाड़ी का स्टॉपेज बैरगनिया में नहीं होने के कारण वह चलती ट्रेन से उतरने की कोशिश किया और वह ट्रेन की चपेट में आ गया। जिससे उसका दाहिना पैर सहित पूरा शरीर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। यात्री के गंभीर अवस्था को देखते हुए आरपीएफ एवं जीआरपी के लोगों ने उसे बैरगनिया अस्पताल पहुंचाया। परंतु मरीज की गंभीर अवस्था को देखते हुए वह सीतामढ़ी रेफर कर दिया। परंतु उस समय बैरगनिया अस्पताल मे एम्बुलेंस नहीं था, तब नेपाल में किसी ने खबर किया तो भारत नेपाल दोस्ती का फर्ज निभाते हुए
नेपाल द्वारा नेपाली नंबर के एम्बुलेंस से उक्त घायल और छटपटाते हुए व्यक्ति को सीतामढ़ी सदर अस्पताल पहुंचाया गया । पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर बैरगनिया अस्पताल कर्मियों ने बताया कि एंबुलेंस है परंतु वह दूसरे मरीज को लेकर सीतामढ़ी गये है। नेपाल से आए इस एंबुलेंस को लेकर भारत के लोग काफी सराहना कर रहे हैं और नेपाल की जमकर तारीफ भी हो रही है,
जानकारी हो कि जब बैरगनिया के लोगों को सांप एवं कुत्ता काटते हैं तो वह बैरगनिया हॉस्पिटल नहीं आकर सीधे गौर अस्पताल में जाकर अपना इलाज कराते हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि बैरगनिया अस्पताल में कुछ भी व्यवस्था नहीं है। वैसे नेपाल ने भारत के कई लोगो की पहले भी जान बचा चुकी है। इसीलिए कहा जाता है भारत और नेपाल का रिश्ता बेटी और रोटी का है!