तमिलनाडु में इन दिनों बिहारी मजदूरों पर कथित हमले का मामला तूल पकड़ रहा है। एक तरफ जहां नीतीश सरकार बार-बार ये कह रही है कि सब ठीक है वहीं भाजपा लगातार हमलावर है। बीते दिन ही बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था कि तमिलनाडु में किसी भी बिहारी मजदूरों को मारा नहीं गया है, बल्कि पुरानी वीडियो हो रही है। विधानसभा सत्र में तेजस्वी ने इस मामले में अफवाह फैलाने के लिए बीजेपी पर निशाना भी साधा। मामले को लेकर बीजेपी नेताओं ने नीतीश कुमार से मुलाकात भी की। इसके बाद सीएम नीतीश ने जांच के लिए अधिकारियों की टीम को तमिलनाडु भेजने का फैसला किया है।
जैसा कि तेजस्वी यादव ने 3 मार्च को बिहार के विधनासभा सत्र में कहा था कि बिहार पुलिस तमिलनाडु पुलिस के संपर्क में है। मामले में बिहार पुलिस हेडक्वार्टर के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जेएस गंगवार के मुताबिक मामले में छानबीन की गई और जिन लोगों के नाम और तस्वीरें सामने आई थी उसनी जांच की गई। इसके अनुसार एक वीडियो तमिलनाडु के त्रिपुर का है, जिसमें बिहार और झारखंड के मजदूर आपस में लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी वीडियो कोयंबटूर की है जिसमें तमिल के स्थानीय लोगों के बीच विवाद चल रहा है।
मजदूरों की हत्या पर क्या बोले नीतीश?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तमिलनाडु में मजदूरों की हत्या पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है। मैंने बिहार के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से बात कर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निदेश दिया है।”
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब दूसरे राज्यों में बिहारियों के साथ अत्याचार हुआ हो। पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई है जब अन्य प्रदेश में रह रहे लोगों को अपमान का घूंट पीना पड़ता है।