बीपीएससी टीआरई 4 के पहले एसटीईटी के आयोजन करने की मांग को लेकर के बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर गुरुवार को दिन भर बवाल मचा रहा. पुलिस और छात्रों के बीच जमकर तीखी नोकझोंक हुई. इस बीच ऐसे भी हालात बने, जब पुलिस ने कानून व्यवस्था को कंट्रोल में रखने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी किया. हालांकि, इसी प्रदर्शन में एक ऐसा भी नजारा सामने आया, जब बिहार पुलिस की पुलिसिंग पर सवाल उठ गया.
दरअसल, एसटीईटी के आयोजन की मांग को लेकर के राजधानी की सड़कों पर अपनी पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार छात्र सड़क पर उतरे. छात्रों के हुजूम को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद दिखा. राजधानी के जेपी गोलंबर के पास छात्रों के बढ़ते हुए हुजूम को पुलिस ने रोक दिया. काफी देर तक छात्र नारेबाजी करते रहे और पुलिस उन्हें समझाने की कोशिश करती रही. इसी बीच पुलिस की तरफ से यह कहा गया कि छात्रों के प्रदर्शन के कारण बड़ी संख्या में गाड़ियों का जाम लग गया है.
पुलिस ने छात्रों पर किया लाठीचार्ज
इसलिए इसे एक तरफ से खोल देना चाहिए. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए एक तरफ के रास्ते को खोल भी दिया. बस इसी के बाद छात्र उग्र हो उठे और पुलिस के साथ जमकर नोकझोंक हुई. छात्रों ने जमकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया तो पुलिस ने उनको दौड़ा दिया. कुछ मौके ऐसे भी आए जब पुलिस को लाठी भी चार्ज करना पड़ा. इसी बीच एक छात्र सड़क पर गिर गया और उसके बाद जो नजर सामने आया उसने सरकार की पूरी पुलिसिंग पर सवाल उठा दिया.
छात्र को लात से मारा
एक छात्र सड़क पर गिरा हुआ था और पुलिस का एक जवान जमीन पर गिर चुके छात्र को लात से मार रहा था. छात्र जमीन पर लगभग गिरने की हालात में था, जब पुलिसकर्मी उसे मार रहा था. इस अनोखे दृश्य ने डीजीपी और बिहार की पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल यह की क्या छात्रों ने कोई बहुत बड़ा गुनाह कर दिया? सवाल यह कि क्या लोकतांत्रिक तरीके से सूचना देकर सड़क पर उतरना अपराध है.इससे भी बड़ा सवाल यह है कि क्या अपराधियों से लोहा लेने के बजाय छात्रों से उलझने वाली पुलिस की यहीं कार्रशाली है.
