उत्तर भारत में भले ही कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन बिहार में सियासी तपिश बढ़ती जा रही है. इंडिया ब्लाॅक से नाराज सीएम नीतीश कुमार को मनाने के लिए पहले भाकपा महासचिव डी. राजा पहुंचे थे. उसके बाद लालू प्रसाद यादव ने उन्हें दही चूड़ा भोज के लिए आमंत्रित किया था. फिर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह के अलावा विधायक दल के नेता शकील अहमद खान मिलने पहुंचे थे.
अब खबर आ रही है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री से मिलने उनके निवास स्थान पर पहुंचे हैं. तीनों नेताओं की बंद कमरे में मुलाकात हुई. इस बीच एक और धमाकेदार खबर आ रही है. वो खबर यह है कि जनता दल यूनाइटेड के सभी विधायकों को पटना में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं. सभी विधायकों से कहा गया है कि अगले आदेश तक वे पटना न छोड़ें. इसका मतलब यह हुआ कि अगले कुछ दिनों में बड़ा राजनीतिक धमाका हो सकता है.
इससे पहले इन तीन बड़े नेताओं नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की मुलाकात राबड़ी आवास पर मकर संक्रांति के दिन दही चूड़ा भोज के दौरान हुई थी. हालांकि उस मुलाकात में वो गर्माहट नहीं दिखी, जो पहले दिखती थी. मकर संक्रांति के दिन ये तीनों नेता 90 दिनों बाद यानी ठीक तीन महीने के बाद मिले थे. अब आज शुक्रवार को भी इन तीन नेताओं की करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बाद सीएम नीतीश कुमार हंसते हुए वहां से निकले. इस मुलाकात के बाद तेजस्वी ने कहा कि हम जेडीयू के साथ है जेडीयू हमारे साथ है. बिहार में महागंठबंधन चुनाव लड़ रहा है और बीजेपी को डर हैं कि उनका सूपड़ा कहीं साफ ना हो जाए. जेडीयू और नीतीश कुमार के पाला बदलने की चर्चाओं के बीच यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.
माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मनाने और सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बातचीत करने पहुंचे हैं. नीतीश कुमार जहां सीट शेयरिंग को जल्द सुलझाने की बात कर रहे हैं, वहीं लालू प्रसाद का इस मसले पर एकदम जुदा स्टैंड है. लालू प्रसाद यादव का कहना है कि एतना जल्दी सीट शेयरिंग थोड़े होता है.
दरअसल, हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राजनीति में जो और तो से बात नहीं होती. किसी का प्रस्ताव आता है तो उस पर विचार किया जाएगा. वे नीतीश कुमार और जेडीयू के एनडीए में शामिल होने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. इस तरह भाजपा ने एक खुला संकेत नीतीश कुमार के लिए दे दिया है. जाहिर है, पटना में जो राजनीतिक हलचल है, वो इसी के बरक्श देखा जाना चाहिए.