औद्योगिक रूप से पिछड़े बिहार में अब उद्योग लगाने के लिए कई कंपनियां बेताब है। इस बात की जानकारी प्रदेश के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने दी। उन्होंने बताया कि पहले जहां बिहार में औद्योगिक जमीन लेने को कोई तैयार नहीं था बैठक जमीन के लिए साथ-साथ दावेदार है इसलिए हमें उनका ऑक्शन कराना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि बिहार में पिछले एक साल में कई तरह के उद्योगों की स्थापना के लिए 350.52 एकड़ जमीन छोटी बड़ी कंपनियों को आवंटित की गई है। बहुत सी बड़ी कंपनियां अब भी बिहार में जमीन के लिए प्रयासरत्त हैं। बिहार में इस वक्त न तो उद्योगों की कमी है और न ही रोजगार सृजन के लिए प्रयासों की।
सर्किल रेट पर ली जाएगी निजी जमीन।
उद्योगों के लिए जमीन की कमी पूरा करने के लिए 27 नंवबर 2021 को BIADA Private Land Purchase Policy भी लाई गई है जिसके तहत प्राइवेट जमीनें भी अधिकतम एग्रिकल्चर सर्किल रेट पर उद्योग के लिए दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि पहले बिहार में औद्योगिक जमीन ऐसे ही पड़ी रहती थी तो हम कॉलेज को देते थे, पानी टंकी बनाने के लिए देते थे थाना को देते थे, नगर विकास विभाग को देते थे। यानी पहले कोई जमीन लेने को तैयार नहीं था अब इतने लोग लाइन में हैं कि हमें ऑक्शन कराना पड़ेगा। हम राजस्थान की तर्ज पर बिहार में भी जमीनों के लिए ऑनलाइन ऑक्शन कराएंगे जो अधिक कीमत देगा उसे जमीन दी जाएगी।