सीतामढ़ी जिले में डेंगू का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। पांच दिन में सात संदिग्ध मरीज सामने आए हैं, जिनमें से चार का इलाज सदर अस्पताल में किया गया है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की तैयारियों की पोल खुलती नजर आ रही है। दावे भले ही बड़े-बड़े किए गए हों, लेकिन हकीकत यह है कि शहर के अधिकांश मोहल्लों में न तोफॉगिंग हो रही है और न ही सफाई व्यवस्था दुरुस्त की गई है। नगर निगम ने लाखों रुपये खर्च कर फॉगिंग मशीनें खरीदी थीं। हर बार दावे किए जाते हैं कि नियमित फॉगिंग
होगी और मच्छरों पर नियंत्रण पाया जाएगा। लेकिन, हकीकत यह है कि इन मशीनों का उपयोग मुश्किल से नाममात्र ही हो रहा है।
सीतामढ़ी शहर के मुख्य चौक चौराहे से लेकर तंग गलियों और घनी आबादी वाले मोहल्लों तक कहीं भी फॉगिंग की गतिविधि नहीं देखी जा रही है। आलम यह है कि लोग खुद ही धूपबत्ती और स्प्रे के सहारे मच्छरों से बचाव करने को मजबूर हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात कही जाती है। बैठकों में अधिकारियों द्वारा लोगों को साफ-सफाई
बनाए रखने और पानी जमा न होने देने की अपील की जाती है। लेकिन, जमीनी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं दिख रही। न तो मोहल्लों में जन जागरूकता रथ निकाले जा रहे हैं, न ही पंपलेट-बैनर लगाए जा रहे हैं। यहां तक कि स्कूलों और कॉलेजों में भी बच्चों को डेंगू से बचाव की जानकारी देने का कार्यक्रम ठप पड़ा है। कचरा डंपिंग और गंदगी से परेशान लोगों का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में यही समस्या होती है। निगम और स्वास्थ्य विभाग सिर्फ बैठकों और कागजी तैयारियों तक सीमित रह जाते हैं।
सीतामढ़ी नगर निगम शहर में कचरे का अंबार मोहल्लेवासी परेशान शहर के कई वार्डों में कचरा उठाव की स्थिति दयनीय है। निगम के कर्मचारी और एजेंसी की सुस्ती से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वार्ड 22, 23 ,39 में जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है।टीचर्स चलनी और आदर्श नगर ने समेत कई मोहल्लों में नालियों की सफाई महीनों से नहीं हुई, जिससे पानी जमा हो गया है। इसी जमा पानी में कचरा सड़ रहा है और मच्छरों के क प्रजनन की सबसे बड़ी जगह बन रह्य है। लोगों का कहना है कि निगम के अधिकारी औपचारिकता पूरी करते हैं।
रहा है। वार्ड 22, 23 में जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है। आदर्श नगर समेत कई मोहल्लों में नालियों की सफाई महीनों से नहीं हुई, जिससे पानी जमा हो गया है। इसी जमा पानी में कचरा सड़ रहा है और मच्छरों के प्रजनन की सबसे बड़ी जगह बन रहा है। लोगों का कहना है कि निगम के अधिकारी औपचारिकता पूरी करते हैं।
डेंगू मरीजों में भय, अस्पताल पर दबावसदर अस्पताल में भर्ती चार मरीजों का इलाज जारी है। चिकित्सकों का कहना है कि अब तक सभी मरीज संदिग्ध हैं और जांच रिपोर्ट का इंतजार है। हालांकि, लक्षणों से डेंगू की आशंका प्रबल है। अस्पताल प्रशासन ने दावा किया है कि इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है और मरीजों को पर्याप्त सुविधा दी जा रही है। लेकिन मरीज और परिजन लगातार बढ़ते खतरे को लेकर चिंतित हैं।
