सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार (3 अक्टूबर) को बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की 1998 में हुई हत्या के मामला में सजा का एलान किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान समेत 6 लोगों को इस मामले में बरी कर दिया है और पटना हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. इसी के साथ कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला समेत दो दोषियों को उम्रकैद की सज़ा को मुकर्रर किया है. इन दोनों दोषियों को कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर सरेंडर करने को कहा
पटना हाई कोर्ट ने इस केस में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत 9 लोगों को बरी कर दिया था. इस आदेश को बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.
सुप्रीम कोर्ट में पीठ ने कहा कि मंटू और विकास कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को कोर्ट बरी नहीं करता है. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 307 (हत्या और हत्या का प्रयास) करने के तहत आरोप लगा है. इन दोनों को 15 दिन के अंदर खुद को आत्मसमर्पण करना होगा.
बता दें कि 1998 में इलाजरत बृज बिहारी प्रसाद को आईजीएमएस पटना में कड़ी सुरक्षा के बीच गोली मारकर हत्या की गई थी. शूटर के रूप में यूपी के अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला का नाम आया था. बृज बिहारी हत्याकांड में निचली अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था. 2014 में हाई कोर्ट ने सबूत के अभाव में सभी आठ आरोपी को बरी किया था. आरोपियों में पूर्व विधायक सुरभान सिंह, मुना शुक्ला, राजन तिवारी सहित अन्य आरोपी थे. 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है.