बिहार के जमुई में गिरफ्तार फर्जी आईपीएस मिथलेश ने नया खुलासा किया है. उसने कहा कि मनोज सिंह नामक शख्स ने 2 लाख रुपये लेकर उसके शरीर का नाप लिया और आईपीएस की वर्दी, आईपीएस का बैच और नकली पिस्टल थमा दिया. इसके बाद मनोज सिंह ने कहा, जाओ अब तुम IPS बन गए हो. इसके बाद उसने दहेज में मिले 2 लाख की बाइक से अपने घर गया और अपनी मां से आशीर्वाद लिया. मगर, अगले दिन पकड़ा गया.
ऐसे ठगा गया 19 साल का मिथलेश
दरअसल, 19 साल का मिथलेश कुमार लखीसराय जिला के हलसी थाना क्षेत्र के गोवर्धन बीघा गांव का रहना वाला है. फर्जी आईपीएस के रुप में गिरफ्तार युवक मिथिलेश कुमार ने बताया कि खैरा इलाके के मनोज सिंह नाम के एक व्यक्ति ने उसे पुलिस में नौकरी लगाने का ऑफर दिया था और इस एवज में उससे दो लाख तीस हजार रुपये की मांग की गई थी. इसके लिए मिथलेश ने अपने मामा से दो लाख रुपये लेकर मनोज सिंह को दिया ताकि उसकी नौकरी पुलिस में लग जाए.
वर्दी पहनकर अपनी मां से लिया आशीर्वाद
इसके बाद मनोज सिंह ने उसके शरीर का नाप लिया और उसके दूसरे दिन बुलाकर उसे आईपीएस की वर्दी, आईपीएस का बैच और नकली पिस्टल दिया. मिथलेश वर्दी पहनकर खुशी-खुशी अपने घर गया और अपनी मां से आशीर्वाद लेकर फिर मनोज सिंह से मिलने निकल पड़ा. मिथलेश ने कहा कि उसे वर्दी पहनकर मनोज सिंह ने बुलाया था और बाकी के तीस हजार रुपये की मांग कर रहा था. मिथलेश उससे से ही मिलने जा रहा था और कुछ देर के लिए सिकंदरा चौक पर रुका तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लियामिथलेश कुमार और मनोज सिंह को बनाया गया आरोपी
पुलिस के मुताबिक, मामले में सिकंदरा थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर मोजम्मिल अंसारी के लिखित आवेदन के आधार पर कांड संख्या 294/24 दर्ज कर मिथलेश कुमार और मनोज सिंह को आरोपी बनाया गया है. प्राथमिकी में उल्लेख है कि गिरफ्तार फर्जी आईपीएस मिथलेश कुमार से पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि मनोज सिंह ने उसे खैरा चौक पर वर्दी, लाइटर पिस्तौल और एक बैग देते हुए कहा कि उसकी आईपीएस में नौकरी लग गई है. वर्दी पहन कर हलसी थाना में अपना योगदान दे दे. मिथलेश ने पुलिस को बताया कि वह वर्दी पहन कर और कमर में लाइटर पिस्तौल रख कर अपनी बाइक से हलसी थाना जा रहा था. मगर, पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
बेटा पुलिस की वर्दी में गांव पहुंचा
वहीं, गिरफ्तार मिथलेश कुमार की मां पिंकी देवी ने बताया कि उसका बेटा पुलिस की वर्दी में गांव पहुंचा. यह देख हमें बहुत खुशी हुई. इसके बाद रात में खाना और सो गया. अगले दिन वह फिर कहीं जा रहा था, तो पुलिस ने बेटा को पकड़ लिया. बेटा ने ऐसा क्यों किया यह उसे मालूम नहीं है. वहीं, पुलिस ने गिरफ्तार फर्जी आईपीएस मिथिलेश कुमार पर मामला दर्ज तो किया है, लेकिन उसे कानून की धारा 35 (3) का लाभ देते हुए बॉन्ड भरवा कर छोड़ा जा रहा है. मामले में DSP ने कही ये बात
जमुई के डीएसपी सतीश सुमन ने कहा, सात साल या सात साल से कम सजा वाले मामले में गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि फर्जी आईपीएस वाले मामले में आरोपी मिथलेश कुमार को इसी के तहत बॉन्ड भरवा कर जेल ने भेजते हुए छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की गंभीरता पूर्वक जांच कर रही है और जांच के दौरान जिन लोगों को भी इस मामले में संलिप्तता पाया जाएगा उसे आरोपी बनाते हुए कार्रवाई की जाएगी