पटना : राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद के छोटे पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को जोर दिया कि उनके पिता जनता की अदालत में ‘कभी दोषी नहीं’ थे. रांची में CBI की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को चारा घोटाला से जुड़े एक और मामले में दोषी ठहराया है.
लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखे जा रहे तेजस्वी ने अदालत का फैसला आने के बाद कहा कि उनके पिता को गरीबों का नेता होने के कारण निशाना बनाया जा रहा है. तेजस्वी ने कहा, ‘इतने सारे घोटाले हुए हैं लेकिन केवल एक व्यक्ति को दोषी ठहराया जा रहा है. क्या विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और ललित मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है? क्या गुजरात स्थित शिपयार्ड कंपनी से जुड़े 28,000 करोड़ रुपये के घोटाले में कार्रवाई होगी?’
उन्होंने कहा कि लोग इस बात पर गौर कर रहे हैं कि सीबीआई, ईडी आदि BJP की सहायक कंपनियां’ बन गयी हैं. अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से हिम्मत नहीं हारने का अनुरोध करते हुए तेजस्वी ने कहा, ‘आज पारित आदेश अंतिम नहीं है. हम झारखंड के उच्च न्यायालय से न्याय मांगेंगे. यदि आवश्यक हुआ तो हम उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.’ उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि चारा घोटाले के मामलों में अविभाजित बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री होने के बावजूद उनके पिता को दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि उन्होंने कई जिलों में कोषागार से धन की धोखाधड़ी से निकासी की जांच का आदेश दिया था.
उन्होंने सवाल किया कि तत्कालीन जिलाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस तरह से चीजें काम कर रही हैं. मुझ पर छोटी उम्र में ही धनशोधन का आरोप लगाया गया है’. तेजस्वी ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार के सृजन घोटाले में किसी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई.