सीतामढी में डीएम आवास ठीक सामने डुमरा पीएचसी में ठंड को मध्य नजर रखते हुए मरीजों के लिए कोई दुरुस्त व्यवस्था नहीं की गई है। जिस वजह से मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है की भीषण ठंड में ऑपरेशन के बाद भी मरीजों को बरामदे पर बिना कंबल के गंदगी के बीच रहना पड़ रहा है।
उनकी सुध लेने वाले कोई अधिकारी नहीं है। ठंड में कुछ महिला मरीजों को उल्टी आ रही थी तो कुछ को चक्कर आ रहा था। मरीज के परिजन इसके लिए कर्मियों को बुलाने गए। जिस के बाद ड्यूटी पर तयनात डॉ निखिल रंजन ने उन्हें देखा।
क्या कहते है मरीज
विश्वनाथपुर निवासी कुमारी प्रियंका व जानीपुर निवासी रेणु देवी के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में ऑपरेशन के बाद एक गद्दी दी गई है और ओढ़ने के लिए कुछ भी नहीं दिया गया है। जबकि अस्पताल का बरामदा भी खुला है। जिससे ठंड अधिक लगती है।
मधुबन निवासी रूबी देवी व हरी छपरा निवासी रेशमी देवी के परिजनों का कहना था कि अगर ऐसी व्यवस्था है, इसका पता होता तो प्राइवेट में ही ऑपरेशन कराते। यहां चारो ओर गंदगी फैला है, इन्फेक्शन अगर लग जाए तो कोई पूछेगा भी नहीं।
हरिहरपुर निवासी संगीता देवी के परिजन एक छोटे से बच्चे को गोद में लेकर चादर के बीच ठिठुर कर बैठे थे, और हाथ में मच्छर अगरबती लेकर बैठे थे। उन्होंने हर आने जाने वाले को देखते ही हाथ जोड़ कर एक तिरपाल लगा देने की गुहार करने लगे। उन्होंने कहा सर एक कंबल ही दिलवा दीजिए जिससे बच्चो के साथ मरीज का भी रात कट जाएगा। अस्पताल में उनका सुनने वाला कोई नहीं है।
क्या कहते है अधिकारी
ऑपरेशन के मरीजों की संख्या पूछे जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अक्षय कुमार ने अनविज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक की है। कई बार उन्हें कहा गया लेकिन उनके द्वारा ठीक से व्यवस्था नहीं की जा रही है।
ओटी एसिस्टेंट प्रकाश कुमार ने बताया कि मरीजों को ऑपरेशन के बाद गद्दी व कंबल के साथ दवा दी जानी है। वही स्वास्थ प्रबंधक निरंजन कुमार ठाकुर ने बताया कि उन्होंने प्रभारी समेत वरीय अधिकारियों को बता चुके है की दस ऑपरेशन के लिए अस्पताल में व्यवस्था है। बावजूद ऑपरेशन इतनी बड़ी संख्या में किया जा रहा है।