👉सीतामढ़ी से दोपहर के 2.30 बजे के बाद अगली ट्रेन सुबह के 4.20 बजे चलती है
सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर और पाटलिपुत्र जाने के लिए यात्रियों को 14 घंटे तक ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। केंद्रीय रेलवे रेलयात्री संघ और कैट के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार सुन्दरका ने बताया कि दोपहर 2.30 बजे दरभंगा-पाटलिपुत्र मेमू ट्रेन के बाद अगली ट्रेन सुबह 4.20 बजे चलती है। यह 15507 पाटलिपुत्र मेमू इंटरसिटी ट्रेन है। इस दौरान कोई अन्य पैसेंजर या इंटरसिटी ट्रेन नहीं चलती। यात्रियों को मजबूरी में बस या अन्य वाहन से जाना पड़ता है।
मुजफ्फरपुर के लिए रोजाना सिर्फ चार ट्रेनें और पटना के लिए तीन ट्रेनें चलती हैं। पाटलिपुत्र के लिए पहली ट्रेन सुबह 4.20 बजे, दूसरी दानापुर मेमू सुबह 8.05 बजे और तीसरी दोपहर 2.30 बजे चलती है। सुबह 8.30 बजे केवल मुजफ्फरपुर के लिए डेमू ट्रेन चलती है। सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर के बीच लिच्छवि एक्सप्रेस और सद्भावना एक्सप्रेस चलती हैं। इनमें से सद्भावना एक्सप्रेस सप्ताह में तीन दिन चलती है। सरोज राजा ने कहा कि पढ़ाई, इलाज, नौकरी और अन्य जरूरी कामों के लिए रोजाना हजारों लोग सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर और पटना जाते हैं। यात्रियों की संख्या के मुकाबले ट्रेनें कम हैं। ट्रेनें स्टेशन पर रुकते ही भर जाती हैं। धक्का-मुक्की से परेशान यात्री लौट जाते हैं।
यात्रियों का कहना है कि इस रूट पर सबसे कम ट्रेनें चलती हैं। एक भी सुपरफास्ट ट्रेन नहीं है। कैट के सचिव आलोक कुमार ने कहा कि 14 घंटे ट्रेन नहीं होने से यात्रियों को ज्यादा किराया देकर अन्य साधनों से जाना पड़ता है। कई बार मांग के बावजूद ट्रेनें पटना जंक्शन तक नहीं जातीं। पाटलिपुत्र से पटना आने-जाने में दो घंटे बर्बाद होते हैं।
सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रुट पर केवल लिच्छवी एक्सप्रेस और सद्भावना एक्सप्रेस जैसी दो एक्सप्रेस ट्रेनें संचालित हैं, जिनमें से सद्भावना सप्ताह में केवल तीन दिन चलती है। भीड़ अधिक होने के कारण ट्रेनों में कोच की संख्या अपर्याप्त है, जिससे यात्रियों को धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ता है और कई लोग जंक्शन से लौटने को मजबूर हो जाते हैं। कैट के सचिव आलोक कुमार ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई और बताया कि ट्रेनें पाटलिपुत्र तक जाती हैं, जबकि पटना जंक्शन तक नहीं जाने के कारण यात्रियों को अतिरिक्त समय और किराया देना पड़ता है। संघ ने रेलवे से मांग की है कि शीघ्र ही सीतामढ़ी से पटना व मुजफ्फरपुर के लिए नई ट्रेनें शुरु की जाएं, चल रही ट्रेनों में कोच बढ़ाए जाएं और सेवा को पटना जंक्शन तक विस्तारित किया जाए, ताकि आम यात्रियों को राहत मिल सके।
