भारत में भी अब कई तरह के गैजेट के लिए एक ही चार्जर पर सहमति बन गई है। मोबाइल कंपनियों और इस क्षेत्र की अन्य कंपनियां इसके लिए राजी हो गई हैं। इसकी जानकारी उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने दी है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक में चर्चा के दौरान यह फैसला किया गया। अब एक फाइनल चार्जर को तय करने के लिए एक टीम बनाई गई है। यहां आपको बता दें कि अभी तक टाईप-सी या किसी अन्य चार्जर को लेकर फैसला नहीं हुआ है।
बैठक में MAIT, FICCI, CII, IIT कानपुर, IIT (BHU) सहित कई शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ पर्यावरण मंत्रालय और केंद्र सरकार के मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के बाद सभी प्रतिनिधि इस बात पर सहमत हुए कि एक कॉमन चार्जिंग पोर्ट को जारी किया जा सकता है।
बैठक में शामिल अधिकतर लोगों स्मार्टफोन, लैपटॉप और कुछ अन्य गैजेट के लिए USB Type-C पर राजी हुए हैं, जबकि फीचर्स फोन के लिए अलग चार्जर का सुझाव दिया गया है। इस फैसले से देश में हो रहे ई-वेस्ट में कमी देखने को मिल सकती है।
एक ही तरह के चार्जर का फैसला सीओपी-26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए LiFE (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) मिशन की दिशा में भी एक कदम है। बता दें कि पिछले साल नवंबर में COP26 इवेंट में पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर कहा था कि भारत 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को नेट जीरो करने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा। LiFE मिशन की शुरुआत प्रो प्लैनेट पीपल (Pro-Planet People-P3) के तर्ज पर हुई है। इस मीशन में शामिल प्रत्येक सदस्य पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाएगा और दूसरों को भी प्रेरित करेगा।