कूनाे नेशनल पार्क में चीताें की आमद हाे चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने आज तीन चीताें काे बड़े बाड़े में छाेड़ा, जबकि बाकी पांच चीताें काे छाेटे बाड़े में रखा गया है। अब लाेगाें काे बेसब्री से इनके नामकरण का इंतजार है। जिम्मेदार अफसर भी जल्द ही नामकरण की बात कर रहे हैं। हालांकि इंटरनेट मीडिया पर अभी से चीताें के नामकरण काे लेकर कयासाें का दाैर शुरू हाे गया है।
नामीबिया से चीते भारत की सरजमीं पर आ चुके हैं। चीताें के लिए ये माहाैल पूरी तरह से अलग है, ऐसे में वह कुछ सहमे-सहमे नजर आ रहे हैं। अभी माहाैल में एडजेस्ट हाेने में उनकाे कुछ समय लगेगा, इसी वजह से चीताें काे फिलहाल आमजन नहीं देख सकेंगे। खबर है कि करीब तीन माह तक चीताें काे क्वारंटाइन बाड़े में रखा जाएगा। चीताें काे भले ही लाेग अभी केवल टीवी या इंटरनेट मीडिया पर ही देख सके हैं, लेकिन जल्द ही लाेग चीताें का दीदार कर सकेंगे।
उधर इंटरनेट मीडिया पर चीताें के नामकरण काे लेकर चर्चाओं का दाैर शुरू हाे गया है। लाेग नाम काे लेकर अपने-अपने सुझाव भी दे रहे हैं। किसी का कहना है कि नामीबिया से चीते आए हैं, इसलिए इनका नाम भी कुछ स्टाइलिश हाेना चाहिए, ऐसे लाेग चीताें के नाम रैंबाे, राकी और जैकी जैसे सुझा रहे हैं। वहीं स्वदेशी लाेगाें का कहना है कि चीते अब भारत आ चुके हैं, इसलिए उनका नाम भी भारतीय ही हाेना चाहिए।
ऐसे में लाेग राजा, सुल्तान जैसे नाम दे रहे हैं। हालांकि विभागीय सूत्राें की माने ताे नामकरण ताे हाेगा, लेकिन अभी इसमें कुछ समय लगना है। आमताैर पर जब तक वन्य जीव काे क्वारंटाइन जाेन में रखा जाता है, उनका नामकरण नहीं हाेता है। जब वह खुले मैदान में आमजन के सामने आते हैं, तब उनका नामकरण किया जाता है। ऐसे में अभी नामकरण में कुछ समय लग सकता है।